मुंबई । शिवसेना नेता संजय राउत (Shiv Sena leader Sanjay Raut) ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने की (For the collapse of Chhatrapati Shivaji Maharaj’s Statue) नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए (Taking moral Responsibility) मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस्तीफा दें (Chief Minister Eknath Shinde should Resign) । उन्होंने इस प्रतिमा निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
संजय राउत ने कहा, “अजित पवार कह रहे हैं कि वो इस मामले को लेकर आगामी 1 सितंबर को आंदोलन करेंगे, जिसमें इस मुद्दे को जोरशोर से उठाने का प्रयास करेंगे, लेकिन मेरा यहां पर एक सवाल है कि आखिर आप आंदोलन से क्या करेंगे और वैसे भी आंदोलन से क्या होगा। कोई कह रहा है कि इस पुतले को बनाने में 2 हजार करोड़ का खर्च आया है, तो कोई कह रहा है कि 3 हजार करोड़ का खर्चा तो कोई कह रहा है कि 500 करोड़ का, लेकिन कुल कितना खर्चा आया है, इस बारे में कोई भी स्पष्ट तरीके से अपनी बात कहने में बच रहा है, लेकिन अब हमने पूरी बात तथ्यों के साथ कहने का मन बना लिया है। मैं तो कुल मिलाकर यही कहना चाहूंगा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को इस पूरी घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। अब उन्हें इस पद पर बने रहने का कोई नैतिक हक नहीं है। शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ध्वस्त होने से हर महाठी के आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है। कोई हमारे सम्मान को ठेस पहुंचाए, तो उसे हम बर्दाश्त नहीं कर सकते।”
शिवसेना नेता ने आगे कहा, “मैं यहां पर इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि जहां पर राष्ट्रभक्ति की बात आती है, तो वहां ये लोग अपने कदम पीछे खींच लेते हैं और भ्रष्टाचार होने की बात कहने लगते हैं। देवेंद्र फडणवीस इस मामले को लेकर आक्रोशित हैं, इसलिए वे इसे रफा दफा करने की तैयारी में जुट चुके हैं।” उन्होंने कहा, “यह लोग कह रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में क्या हुआ, लेकिन मैं कहता हूं कि इन लोगों को महाराष्ट्र पर ध्यान देने की जरूरत है। यहां भी स्थिति और खराब है। शिंदे सरकार आम लोगों के हितों पर कुठाराघात कर रही है।”
बता दें कि बीते दिनों महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर गई थी। जिस पर जमकर राजनीति हो रही है। जिलाधिकारी ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा कि तेज हवाओं के चलते प्रतिमा गिरी है, लेकिन विपक्षी दलों का कहना है कि इसे बनाने में अनियमितता बरती गई। बीते दिनों मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा था कि इस प्रतिमा को बनाने में राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है, बल्कि इसे नौसेना की ओर से बनाया गया था, जिसमें राज्य सरकार की कोई सहभागिता नहीं थी। गत वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना दिवस के मौके पर प्रतिमा का अनावरण किया था। उधर, इस घटना पर नौसेना ने भी बयान जारी कर जांच का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने भी इस घटना के संबंध में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, ताकि पूरे मामले की जांच की जा सके और यह पता लगाया जा सके कि आखिर प्रतिमा कैसे गिरी।
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