भोपाल । मध्य प्रदेश में (In Madhya Pradesh) मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने सरकारी मशीनरी (Government Machinery) को भी रफ्तार देने की कवायद (Efforts to Speed Up) तेज कर दी (Intensified) । पहले वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को संभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई तो अब पुलिस अफसर को भी संभाग का प्रभारी बनाया गया है।
राज्य में भाजपा की सत्ता में हुई वापसी के बाद मुख्यमंत्री को बदला गया है। शिवराज सिंह चौहान के स्थान पर कमान मोहन यादव के हाथ में आई। दो उप मुख्यमंत्री जरुर बनाए गए हैं और मंत्रिमंडल का विस्तार होना शेष है। मंत्रिमंडल का विस्तार हो, उससे पहले मुख्यमंत्री ने संभागवार कसावट लाने की रणनीति पर अमल शुरू कर दिया है। राज्य में जहां अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों को संभागीय प्रभारी बनाया गया है तो अब वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को संभागीय प्रभारी बना दिया गया है। ये सभी पुलिस अधिकारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के हैं।
गृह विभाग ने विजय कटियार को भोपाल, आलोक रंजन को नर्मदा पुरम, प्रज्ञा रिचा श्रीवास्तव को ग्वालियर, योगेश मुद्गल को शहडोल, पवन श्रीवास्तव को चंबल, अनिल कुमार को रीवा, संजीव शमी को सागर, चंचल शेखर को जबलपुर, जयदीप प्रसाद को इंदौर और योगेश देशमुख को उज्जैन का प्रभारी बनाया गया है।
संभागीय स्तर के प्रभारी बनाए गए पुलिस अधिकारियों को दो माह में कम से कम एक बार आवंटित संभाग के जिलों का दौरा करना होगा, साथ में उन्हें हर माह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस कार्यों की समीक्षा करनी होगी, साथ ही पुलिस मुख्यालय की विभिन्न शाखाओं के समन्वय की पहल और समस्या का निराकरण भी करते हुए संबंधित विषय डीजीपी की जानकारी में लाना होंगे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के प्रभारी बनाए जाने के बाद मुख्यमंत्री डा यादव ने संभागीय समीक्षा की शुरुआत भी कर दी है और यह सिलसिला शुरू हुआ है उज्जैन से ,जहां उन्होंने संभागीय अधिकारियों की बैठक की और उन्हें सरकार की योजनाओं पर अमल की हिदायत भी दी।
राज्य की सरकारी मशीनरी जो बीते दो माह से सुस्ती के दौर से गुजर रही थी और चुनावी आचार संहिता के चलते सरकारी योजनाओं का बेहतर तरीके से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा था, अब सरकार ने अफसर को जमीनी स्तर पर जाकर योजनाओं के बेहतर क्रियान्वय की हिदायतें दी जा रही हैं।
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