जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने शहीदों की वीरांगनाओ (Heroines of the Martyrs)से मुलाकात की (Met) । सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार के लिए शहीदों और वीरांगनाओं का सम्मान सर्वोच्च है। राज्य सरकार द्वारा शहीदों के आश्रितों को नियमानुसार राजकीय सेवाओं में नियोजित किया जाता रहा है। भविष्य में भी नियमों की पालना की जाएगी। शहीदों के आश्रितों के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा । इस दौरान वीरांगनाओं ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जो वीरांगनाए अपने देवर की नौकरी की मांग कर रही है, वह गलत है। नौकरी सिर्फ हमारे बच्चों को ही मिलनी चाहिए, न कि देवर और जेठ को ।
गहलोत ने कहा कि पूर्व कार्यकाल में शहीदों के लिए कारगिल पैकेज लागू किया था। इस पैकेज के अंतर्गत वर्तमान में शहीदों के परिवार के लिए 25 लाख रुपए, 25 बीघा जमीन, हाउसिंग बोर्ड से आवास तथा आवास न लेने पर अतिरिक्त 25 लाख रुपए, वीरांगनाओं या उनके बच्चों के लिए नौकरी एवं गर्भवती वीरांगनाओं के बच्चों के लिए नौकरी सुरक्षित करने का प्रावधान है। साथ ही, शहीद के माता-पिता के लिए 5 लाख रुपए की एफ.डी. करवाने, शहीदों की प्रतिमा लगाने तथा किसी एक सार्वजनिक स्थल का शहीदों के नाम से नामकरण करने के प्रावधान भी किए गए थे।
गहलोत ने कहा कि शहीदों से जुडे मामलों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। वीरांगना या बच्चों के अलावा परिवार के किसी अन्य सदस्य को नौकरी देने का प्रावधान नियमों में नहीं है। यह मांग सही नहीं है, इससे भविष्य में वीरांगनाओं को अनुचित पारिवारिक एवं सामाजिक दबाव झेलना पड़ सकता है। शहीदों की वीरांगनाओं ने इस अवसर पर राज्य सरकार की ओर से शहीदों के परिवारों को दिए जा रहे पैकेज पर संतुष्टि व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नौकरी केवल शहीद की वीरांगना या बच्चों को ही दी जानी चाहिए।
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