उज्जैन। मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों बकाया विद्युत बिलों को एक साथ भरने पर 40 फीसदी बिल में छूट की घोषणा की थी और मीडिया ने इसे बहुत बड़ी राहत बताया था लेकिन विद्युत मंडल के अधिकारियों ने इस गुब्बारे की हवा निकाल दी है। कोरोना के जून से अगस्त के माह में जिन्होंने बिल नहीं भरे हैं केवल उनकी ही राशि कम होगी तथा वह भी एक किलो वाट से कम वाली। जाहिर है यह घोषणा मात्र हवाबाजी साबित हुई। पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने घोषणा की थी कि बकायादार यदि एक मुश्त बिजली का बिल भरते है, तो उन्हें 40 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। यदि वह किस्तों में भरते है तो उन्हें 25 प्रतिशत की राहत मिलेगी। इस घोषणा को मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी भी मिल चुकी है। मगर अभी तक विद्युत कम्पनी को इस सम्बंध में शासन की तरफ से कोई दिशा निर्देश जारी नहीं हुए। इस मामले अभी तक सब कुछ मीडिया के जरिये ही कहा पढ़ा देखा सुना जा रहा है।
गलत बयानबाजी की वजह से गफलत हुई
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सरकार व संगठनों के प्रवक्ताओं में सरकार द्वारा दी गई छूट सम्बन्धित बयानबाजी करने की होड़ सी लग गई । मुख्यमंत्री से लगाकर कोई भी जनप्रतिनिधि अथवा प्रवक्ता, बकायादारों को राहत देने वाली छूट सम्बन्धित घोषणा को स्पष्ट तरीके जनता को समझा नहीं पाए। नतीजतन चुनावी घोषणा जैसे आधे अधूरे ऐलान की वजह से बकायादार सभी उपभोक्ताओं को यह गफलत यानी गलतफहमी हो गई कि सबको छूट मिलेगी।
तब कोरोना के कारण फ्रीज कर दिए थे बिल
इस मामले में जब अग्निबाण ने ऊर्जा प्रमुख सचिव से बात की तो उन्होंने विस्तार से बताया कि पिछले साल 2020 के कोरोना काल में जिन बिजली उपभोक्ताओ पर मार्च माह से लेकर 31 अगस्त तक के बिजली के बिल बकाया थे, उस दौरान बिल नहीं भरने पर न तो उनके विद्युत कनेक्शन काटे गए न ही बकाया बिलों की राशि को उनके अगले बिलो में जोड़ी गई । सबसे बड़ी बात उस दौरान बिजली के बिल भी नहीं बांटे जा रहे थे । इन सब समस्याओं के चलते विद्युत कम्पनी ने उस दौरान पिछले बाकी बिलों को भरने के लिए दबाब भी नहीं बनाया। बकाया बिलों को होल्ड पर रखते हुए उन्हें फ्रीज कर दिया गया था। बकाया बिजली बिल भरने वाले उन्हीं विद्युत उपभोक्ताओं को 25 से 40 प्रतिशत राहत मिलेगी, जिन्होंने पिछले साल के मार्च महीने से 31 अगस्त 2020 के बिल नहीं भरे हैं। सोमवार- मंगलवार तक इस सम्बंध में दिशा निर्देश जारी कर दिए जाएंगे। एक किलोवाट से कम से लोड वालों के ही बिल माफ होंगे। अधिक लोड वालों के नहीं होंगे। संजय दुबे, ऊर्जा प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश भोपाल
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