जबलपुर। देशभर की आयुध निर्माणियों में श्रमिक संगठनों द्वारा आयोजित की जाने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल को टालने के लिए मंगलवार को चीफ लेबर कमिश्नर ने रक्षा विभाग की तीनों फेडरेशन एआईडीईएफ, आईएनडीडब्ल्यूएफ, बीपीएमएस के पदाधिकारियों तथा रक्षा मंत्रालय के पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से चर्चा की गई।
जबलपुर से ऑल इंडिया डिफेंस एम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन पाठक ने ऑर्डीनेंस फैक्ट्री कर्मचारियों का पक्ष रखा। उन्होंने आक्रामक शैली में ऑर्डीनेंस फैक्ट्रियों के निगमीकरण के फैसले का पुरजोर विरोध करते हुए ऑर्डीनेंस फैक्ट्रियों के निगमीकरण को वापस लेने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आजादी के पहले जहां 15 ऑर्डीनेंस फैक्ट्रियां थी, सरकारों की इच्छाशक्ति और ऑडीनेंस फैक्ट्री के कामगार की कार्यकुशलता की बदौलत आज तक 41 फैक्ट्रियां खड़ी हो गईं। इन फैक्ट्रियों में लाखों करोड़ों की संपत्ति हजारों एकड़ की जमीन मौजूद है। भारत सरकार के रक्षा बजट का 18 फीसदी शिक्षा पर खर्च होता है। कारपोरेट घरानों की नजर बजट के 18 फीसदी और ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों की संपत्ति पर है। सरकारी क्षेत्र की इस इकाई को निगमीकरण के रास्ते निजीकरण करना देश के साथ धोखा होगा।
उन्होंने कहा कि पिछले साल अगस्त 2019 की हड़ताल के समय चीफ लेबर कमिश्नर के समक्ष रक्षा मंत्रालय के साथ 30 हजार करोड़ के वर्क लोड पर समझौता हुआ था। उस समझौते पर अमल करते हुए फिर से ऑर्डीनेंस फैक्ट्रियों के ऊपर निगमिकरण थोपा जा रहा है। समझौते का उल्लंघन अनफेयर लेबर प्रैक्टिस के अंतर्गत आता है। रक्षा मंत्रालय द्वारा सभी पक्षों को सुनने के पश्चात फेडरेशन पदाधिकारियों का पक्ष सरकार तक पहुंचाने एवं किसी भी निर्णय के पहले चर्चा का आश्वासन दिया।