भोपाल। मप्र स्टेट कॉ-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (एमपीसीडीएफ)ने भोपाल दुग्ध संघ में टेंकर घोटाले के आरोपी रहे अफसर डॉ आरके दूरबार को इंदौर सहाकारी दुग्ध संघ मर्यादित का प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ)बना दिया है। डॉ दूरबार के खिलाफ वित्तीय अनियमिता संबंधी शिकायत भी मुख्यालय में लंबित है। जिनकी जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई लंबित है।
भोपाल दुग्ध संघ में 7 साल पहले टेंकर घोटाला हुआ था। तब दुग्ध संघ के अफसरों की मिलीभगत से दूध सप्लाई करने वाली टेंकर में 1300 लीटर का गुप्त चेंबर बना रखा था। जिसे दूध के साथ तौला जाता था। इस मामले में तत्कालीन प्रबंधन संचालक शोभित जैन ने जांच के बाद डॉ दूरबार समेत 5 लोगों को निलंबित किया था। हालांकि बाद में एमपीसीडीएफ ने एक साल के भीतर ही इनको बहाल कर दिया था। इस मामले में डॉ दूरबार के खिलाफ विभागीय जांच भी हुई। साथ ही सांची दुग्ध संघ को वित्तीय हानि होने पर डॉ दूरबार के खिलाफ वसूली भी निकाली गई। पश्ुा पालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने तत्कालीन अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर शासन को आर्थिक हानि पहुंचाने वाले अफसरों से वसूली की कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। अभी तक एमपीसीडीएफ के अफसरों से कोई वसूली नहीं हुई है। जिन अफसरों से वसूली होना है। उनमें डॉ आरके दूरबार भी शामिल है। विभाग ने डॉ दूरबार से वसूली न करते हुए इंदौर दुग्ध संघ का सीईओ बना दिया है। एमपीसीडीएफ के एमडी द्वारा जारी आदेश में डॉ दूरबार को तत्काल कार्यभार संभालने के आदेश दिए हैं।
विभाग को नहीं मिल दूध का ध्ुाला अफसर
पशु पालन विभाग ने डॉ दूरबार को इंदौर दुग्ध संघ का सीईओ बनाने से पहले अन्य अफसरों के नाम पर भी विचार किया था, लेकिन कोई अधिकारी ऐसा नहीं है, जिसके खिलाफ वित्तीय गड़बडी एवं अन्य आरोप न लगे हों। कई अधिकारियों के खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है, जिस पर कार्रवाई लंबित है। जबकि कई के खिलाफ जांच जारी है।
मैं अभी व्यस्त हूं। इस मामले में बाद में बात करता हूंं। दिखवाते हैं क्या मामला है।
प्रेम सिंह पटेल, मंत्री, पशुपालन विभाग
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