नई दिल्ली । पूर्व वित्त मंत्री (Former Finance Minister) पी. चिदंबरम (P. Chidambaram) ने 1991 के आर्थिक सुधारों पर (On 1991 Economic Reforms) बयान (Statement) को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री (Union Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की आलोचना की (Criticizes) ।
चिदंबरम ने ट्वीट किया, कथित तौर पर वित्त मंत्री ने कहा है कि 1991 के सुधार आधे-अधूरे थे। भगवान का शुक्र है, डॉ. मनमोहन सिंह ने विमुद्रीकरण, बहु-दर जीएसटी और पेट्रोल-डीजल पर भारी कर लगाने जैसे फैसले नहीं लिए। उन्होंने कहा, हम वित्त मंत्री को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने विश्वविद्यालय में बेकरी और कुकिंग कोर्स किया।
मीडिया के एक वर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री ने एक पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान कहा कि 1991 के सुधार आधे-अधूरे थे। आर्थिक सुधारों की शुरूआत मनमोहन सिंह ने की थी, जब वह केंद्र में नरसिम्हा राव सरकार के दौरान वित्त मंत्री थे।
हिंदी में बोलते हुए, सीतारमण ने कहा, अर्थव्यवस्था का उदारीकरण किया गया था, लेकिन अर्थव्यवस्था को बेहतरीन तरीके से चलाया नहीं गया। हमने 1991 में आधे-अधूरे सुधारों के साथ शुरूआत की। पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के आलोचक हैं।
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