नई दिल्ली। केंद्र द्वारा सोमवार को आठ आर्थिक राहत उपायों (Relief measures) की घोषणा के बाद, पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम (Chidambaram) ने मंगलवार को सरकार की आलोचना (Condemned) करते हुए कहा कि क्रेडिट गारंटी क्रेडिट नहीं है। यह अधिक कर्ज है और कोई भी बैंकर व्यापार के लिए कर्ज नहीं देगा। एक ट्वीट में चिदंबरम ने कहा, “क्रेडिट अधिक कर्ज (Credit is more like debt) है। कोई भी बैंकर कर्ज में डूबे व्यवसाय को उधार नहीं देगा। कर्ज के बोझ से दबे या नकदी की कमी वाले व्यवसाय अधिक ऋण नहीं चाहते हैं, उन्हें गैर-ऋण पूंजी की जरूरत है। अधिक आपूर्ति का मतलब अधिक मांग (खपत) नहीं है।”
उन्होंने कहा, “इसके विपरीत, अधिक मांग (खपत) अधिक आपूर्ति को गति प्रदान करेगी और ऐसी अर्थव्यवस्था में मांग (खपत) नहीं बढ़ेगी, जहां नौकरियां चली गई हैं और आय/मजदूरी कम हो गई है।” उन्होंने आगे कहा, “इस संकट का जवाब लोगों के हाथ में पैसा डालना है, खासकर गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के लिए।”
सोमवार को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 6,28,993 करोड़ रुपये के राहत उपायों की घोषणा की थी। योजनाओं में ईसीजीएलएस जैसे मौजूदा राहत उपायों में वृद्धि और राज्य सरकारों के लिए समर्थन शामिल है। इसके अलावा, सूक्ष्म वित्त ऋण उपयोगकर्ताओं के साथ-साथ पर्यटन उद्योग को ऋण प्रदान करने के लिए कुल चार नए उपायों की घोषणा की गई।
इसके अलावा, सीतारमण ने चिकित्सा बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपये के गारंटीकृत ऋण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ईसीएलजीएस योजना को 1.5 लाख करोड़ रुपये बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कोविड प्रभावित क्षेत्रों के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना की भी घोषणा की।
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