भोपाल। मप्र हाईकोर्ट द्वारा अवमानना प्रकरण में छिंदवाड़ा एसपी को निलंबित करने के आदेश से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में शासन की ओर से आज फिर हाईकार्ट में रिहायत देने को लेकर अपील की जा सकती है। यदि कोर्ट ने बुधवार को दिए फैसले में कोई नरमी नहीं बरती तो फिर छिंदवाड़ा एसपी विनायक वर्मा को हटाया या निलंबित किया जा सकता है। कोई के फैसले से गृह विभाग भी सकते में है। इस मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होना है। अवमानना प्रकरण में चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक को तत्काल निलंबित करने का आदेश पुलिस महानिदेशक को दिए हैं। जबलपुर हाईकोर्ट ने वारंट तामीली के मामले में छिंदवाड़ा एसपी विनायक वर्मा से नाराजगी जाहिर की है। छिंदवाड़ा एसपी पर यह आरोप है कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी अनावेदक क्रमांक 3 अनिल कुमार प्रोजेक्ट मैनेजर (एनएचएआई) के विरुद्ध गैर जमानती वारंट की तामीली नहीं कराई गई है। जबकि एसपी ने तालीमी करने की वजाए हाईकोर्ट को लिखा कि अधिकारी का तबादला हो चुका है। इसलिए वारंट की तामीली नहीं कराई जा सकती है। इसे हाईकोर्ट ने अवमानना की श्रेणी में माना है।
यह है मामला
हाईकोर्ट ने याचिका क्रमांक 19489/2017 में 1 अगस्त 2018 को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई)रिटी को निर्देशित किया गया था कि याचिकाकर्ता की अधिग्रहण की गई जमीन का एसडीएम द्वारा निर्धारित मुआवजा राशि एक माह के अंदर याचिका कर्ता को अदा करें। उक्त राशि एनएचएआई को जमा करना थी लेकिन राशि जमा नहीं की गई। तब याचिका कर्ता द्वारा अवमानना याचिका दाखिल की गई है। जिस पर हाईकोर्ट ने एनएचएआई मैनेजर के खिलाफ वारंट जारी किया गया। जिसकी छिंदवाड़ा एसपी ने तामील नहीं कराई गई। जिसे अवमानना मानते हुए हाईकोर्ट ने छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक को तत्काल निलंबित करने का आदेश डीजीपी को दिए है। साथ ही वारंट की तामील कराने के लिए भी डीजीपी को निर्देशित किया गया है।
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