भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) अभी बहुत टेंशन में है। वे हर कदम को फूंक-फूंककर रख रहे हैं जिससे उनके करीबी कहते हैं वे भ्रमित भी जल्दी हो रहे हैं। ऐसा ही उनके भ्रमित होने वाला निर्णय तब देखने में आया जब वे सरकारी कर्मचारियों (government employees) को महंगाई भत्ता (डीए) 11 प्रतिशत देने पर लगभग मुहर लगाने ही वाले थे और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) ने अपने कर्मचारियों को 5 प्रतिशत डीए देने का निर्णय कर डाला।
अब देखना है मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सीएम कर्मचारियों को कब और कितना डीए देते हैं। वैसे वित्त विभाग (finance department) ने 8 प्रतिशत, 11 प्रतिशत और 14 प्रतिशत डीए बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव भेजे हैं जिसमें से किसी एक को सीएम स्वीकृत करेंगे। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) ने महंगाई भत्ता 28 प्रतिशत कर दिया है लेकिन मध्यप्रदेश में अभी कर्मचारियों को 12 प्रतिशत ही मिल रहा है यानी मोदी से 16 प्रतिशत पीछे शिवराज चल रहे हैं। कई स्टेट जिसमें पड़ोसी राजस्थान भी शामिल है उसने मोदी के बराबर ही 28 प्रतिशत डीए दे दिया है।
जब से केंद्र सरकार ने डीए बढ़ाया है तब से कुछ कमजोर राज्यों ने भी कम से कम 14 प्रतिशत डीए तो बढ़ा ही दिया। ऐसा 12 में से 9 राज्य हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 प्रतिशत डीए कर दिया है हालांकि वे अभी तीन प्रतिशत डीए और बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में शिवराजसिंह चौहान ने 11 प्रतिशत डीए बढ़ाने की स्वीकृति लगभग दे दी थी बस उनके साइन होना थे लेकिन बीच में छत्तीसगढ़ सरकार के पांच प्रतिशत डीए बढ़ोतरी ने उनके फैसले को रोक दिया।
अब वे पिछले दस दिनों से यही मंथन कर रहे हैं कि कितना डीए बढ़ाए। पांच प्रतिशत डीए यदि वे बढ़ाते हैं तो कमलनाथ सबसे पहले ट्वीट करेंगे कि यह तो हमने पिछले साल ही कर दिया था जब हम सरकार में थे। शिवराज के लिए भी यह शर्म की स्थिति भी रहेगी कि छत्तीसगढ़ के बराबर ही वे अपने राज्य के कर्मचारियों को डीए दे पा रहे हैं। ऐसे में नई संभावना 8 व 11 प्रतिशत में से एक फाइल पर साइन करने को लेकर बन रही है। संभव है इस सप्ताह कर्मचारियों को खुशखबरी मिल जाए।
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