राजनांदगांव। एक मासूम की रेप के बाद हत्या के मामले (Cases of murder after rape of an innocent) में राजनांदगांव जिला न्यायालय की पॉक्सो कोर्ट (POCSO Court of Rajnandgaon District Court) ने सोमवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आरोपित को फांसी की सजा दी है। पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शैलेष शर्मा ने मामले में दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद आरोपित शेखर कोर्राम को जघन्य वारदात का दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा के फैसले पर मुहर लगाई। चार वर्ष की नाबालिग बच्ची के साथ आरोपित शेखर कोर्राम के घृणित हरकत को जज ने समाज के लिए कलंक बताया। उन्होंने कहा कि कम से कम बच्ची को मौत के बाद तो न्याय मिलेगा।
सालभर के भीतर पॉक्सो के फास्ट कोर्ट ने आरोपित के विरुद्ध प्रस्तुत किए गए लोक अभियोजक के साक्ष्यों के आधार पर फांसी का फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बचाव पक्ष के वकील की दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया। इस मामले में शासन की तरफ से शासकीय अभियोजक परवेज अख्तर ने फांसी की सजा दिए जाने की अपील की थी।
जानकारी के अनुसार बीते वर्ष 23 अगस्त को कांकेतरा शहर से सटे गांव की चार साल की बालिका के साथ आरोपित शेखर ने रेप कर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी। आरोपित ने ऐसे वक्त में घटना को अंजाम दिया था, जब पूरा गांव तीज और गणेश पर्व की खुशी में शामिल था। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपित ने अबोध बालिका की हत्या कर लाश को खंडहरनुमा मकान में छुपा दिया था। राजनांदगांव न्यायालय में पॉक्सो के आरोपित को फांसी दिए जाने का यह पहला मामला है। (एजेंसी, हि.स.)
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