उज्जैन। नि:शुल्क इलाज की उम्मीद लेकर छत्रीचौक स्थित डिस्पेंसरी पहुँच रहे मरीजों को ड्यूटी डॉक्टर की मनमर्जी के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हालात इतने खराब हैं कि रोजाना मरीज सुबह आकर डिस्पेंसरी में बैठ जाते हैं और डॉक्टर का इंतजार करते-करते चले जाते हैं।
सोमवार को अग्रिबाण की टीम जब सुबह 11 बजे छत्रीचौक डिस्पेंसरी पहुँची तो कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला। सुबह 11 बजे तक जहाँ डिस्पेंसरी में सफाई हो रही थी, वहीं डॉक्टर व कर्मचारियों का पता नहीं था, जबकि सुबह 10 से 2 बजे तक डिस्पेंसरी संचालित होने का समय है, लेकिन जिम्मेदारों को इस बात से कोई सरोकार नहीं है। हालात दिन प्रतिदिन खराब हो रहे हैं। इस समय मरीज सुबह आकर डिस्पेंसरी में बैठ जाते हैं और घंटों इंतजार के बाद वापस बिना इलाज कराए लौट जाते हैं। उल्लेखनीय यह है कि मनमानी करने वाले डॉक्टर और कर्मचारियों को विभागीय अफसर कई बार हिदायत दे चुके हैं, बावजूद अपनी आदत नहीं सुधार रहे हैं। इसका खामियाजा डिस्पेंसरी में इलाज कराने आने वाले मरीजों को भुगताना पड़ रहा है।