नई दिल्ली। छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji) की सिंधुदुर्ग (Sindhudurg) में मूर्ति (statue) गिरने को लेकर बवाल मचा हुआ है। महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति (Politics) में यह एक बड़ा मुद्दा बन गया है और चुनाव से ठीक पहले ऐसी घटना होने से सत्ताधारी गठबंधन एनडीए बैकफुट पर है। इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा है कि यदि छत्रपति शिवाजी की मूर्ति को स्टील से बनाया जाता तो वह कभी नहीं गिरती। नितिन गडकरी ने कहा कि समुद्र के आसपास के इलाकों में लोहे में जंग लगने की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। खासतौर पर समुद्र से 30 किलोमीटर की दूरी तक ऐसी स्थिति रहती है।
नितिन गडकरी ने हाईवेअथॉरिटी के कामकाज का जिक्र करते हुए कहा, ‘पुलों में स्टेनलेस स्टील का ही इस्तेमाल करना चाहिए। मुझे मालूम है कि जब मैं मुंबई में 55 फ्लाईओवर बना रहा था तो एक व्यक्ति ने मुझे मूर्ख बनाया। उसने पाउडर कोटिंग करके लोहा दिया और वह हरे रंग का था। उसने कहा कि इसमें जंग नहीं लगेगा, लेकिन जब उसे लगाया गया तो जल्दी ही नुकसान होने लगा।
यदि समुद्र से 30 किलोमीटर तक की दूरी में कुछ काम करना है तो बिना स्टील लगाए बात नहीं बनेगी। यदि शिवाजी के पुतले में स्टील का इस्तेमाल होता तो वह 100 पर्सेंट नहीं गिरता। आप देखेंगे कि मुंबई में समुद्र किनारे की इमारतों में जल्दी लंग जाता है।
यह सामान्य बात है कि जहां हार्ड रॉक होगी, वहां ड्रिल के लिए मजबूत मशीनें लगेंगी। वहीं सॉफ्ट मिट्टी वाले इलाकों में दूसरी मशीनें लग सकती हैं। इस तरह मुझे लगता है कि जगह के हिसाब से मशीनें भी अलग-अलग हो सकती है। बता दें कि बीते सप्ताह पीएम नरेंद्र मोदी जब महाराष्ट्र के दौरे पर थे तो उन्होंने शिवाजी की मूर्ति गिरने को लेकर माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि छत्रपति शिवाजी हमारे लिए भगवान की तरह हैं। हम उनसे और उन्हें अपना आराध्य मानने वालों से माफी मांगते हैं। उनसे पहले ही सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा था कि मैं 100 बार पैर छूकर माफी मांगने के लिए तैयार हूं। इसके अलावा देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने भी इस पर माफी मांगी थी।
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