नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को कहा कि छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji) ने गुलामी की मानसिकता को खत्म कर (By Ending the Mentality of Slavery) लोगों (People) को राष्ट्र निर्माण के लिए (For Nation Building) प्रेरित किया (Inspired) ।
मोदी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी ने भारत की एकता और अखंडता को सर्वोपरि रखा और उनके विचारों का प्रतिबिंब केंद्र सरकार की ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ पहल के विजन में देखा जा सकता है। शिवाजी के राज्याभिषेक के 350वें वर्ष के अवसर पर एक वर्चुअल संबोधन में मोदी ने कहा कि मराठा शासक ने स्वराज, धर्म, संस्कृति और धरोहरों को ठेस पहुंचाने की कोशिश करने वालों को भी संकेत दिया। इससे जन-जन में दृढ़ विश्वास पैदा हुआ, आत्मनिर्भरता की भावना का संचार हुआ और राष्ट्र का सम्मान बढ़ा ।
मोदी ने कहा, किसान कल्याण हो, महिला सशक्तिकरण हो, शासन-प्रशासन तक सामान्य मानवी की पहुंच आसान बनाना हो, उनके कार्य, उनकी शासन प्रणाली और उनकी नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। शिवाजी की प्रेरक प्रकृति पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के समय देश की परिस्थितियों की कल्पना की जा सकती है। सैकड़ों वर्षों की गुलामी और आक्रमणों ने देशवासियों से उनका आत्मविश्वास छीन लिया था। आक्रमणकारियों के शोषण और गरीबी ने समाज को कमजोर बना दिया था।
मोदी ने कहा, हमारे सांस्कृतिक केंद्रों पर हमला करके लोगों का मनोबल तोड़ने की कोशिश की गई। ऐसे समय में लोगों में आत्म विश्वास जगाना एक कठिन कार्य था, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने न सिर्फ आक्रमणकारियों का मुकाबला किया, बल्कि जनमानस में ये विश्वास भी पैदा किया कि स्वयं का राज संभव है। पीएम ने आगे दावा किया, उन्होंने गुलामी की मानसिकता को खत्म कर लोगों को राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने बताया कि इतिहास में कई ऐसे शासक हुए जो अपनी सैन्य ताकत के लिए जाने जाते हैं, लेकिन उनकी प्रशासनिक क्षमता कमजोर थी। इसी तरह, ऐसे भी कई शासक हुए जो अपनी बेहतरीन शासन व्यवस्था के लिए जाने गए, लेकिन उनका सैन्य नेतृत्व कमजोर था। हालाँकि मोदी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का व्यक्तित्व अद्भुत था। उन्होंने स्वराज की भी स्थापना की और सुराज को भी साकार किया।
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