डेस्क: हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को छठ पर्व मनाया जाता है. लोकआस्था के ये महापर्व देश के कई हिस्सों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इसमें सूर्य देवता और छठी माता की पूजा होती है. वैसे तो छठ महापर्व 30 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा, लेकिन इससे जुड़ी तमाम पूजा एवं परंपराएं 2 दिन पहले से, यानि 28 अक्टूबर को नहाय-खाय के साथ शुरू हो जाएंगी. चार दिन की ये विशेष पूजा 28 अक्टूबर से शुरू होकर 31 अक्टूबर तक चलेंगी. पूजा के पहले दिन महिलाएं स्नान करके चने की दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद बनाती है.
नहाय-खाय पूजन विधि
पूजा का शुभ मुहूर्त
क्या है पूजा का महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार छठ पूजा के दिन षष्ठी देवी की पूजा की जाती है, जिन्हें ब्रह्मा की मानस पुत्री के रूप में भी जाना जाता है. कुछ जगाहों में इन्हें छठी माता के नाम से भी जानते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार वैदिक काल में यह पूजा ऋषियों द्वारा की जाती थी. मान्यता है कि छठी माता की पूजा करने से धन-धान्य की प्राप्ती होती है और संतानों की रक्षा करती हैं. जो दंपत्ती अपने जीवन में संतान सुख की प्राप्ती चाहते हैं, उनके लिए छठ पूजा अत्यंत आवश्य मानी गई है.
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