कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री (chief minister of west bengal)ममता बनर्जी(Mamata Banerjee) ने छठ पूजा के अवसर (Occasion of Chhath Puja)पर राज्य के लोगों को शुभकामनाएं(Best wishes to the people of the state) दीं। साथ ही, उन्होंने कहा कि छठ पूजा पश्चिम बंगाल में बिहार से कहीं अधिक की जाती है जहां यह एक लोकप्रिय पर्व है। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि वह धर्म और जाति के आधार पर लोगों के विभाजन को रोकने के लिए अपनी जान तक कुर्बान करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि भारत में लोग चाहे किसी भी धर्म, जाति और पंथ के हों, एकसाथ रहते हैं। कोई भी व्यक्ति दूसरों से श्रेष्ठ नहीं है।
ममता बनर्जी ने छठ पूजा के अवसर पर कोलकाता में कहा, ‘ऐसे लोग हैं जो लोगों के बीच विभाजन पैदा करना चाहते हैं। लेकिन, मैं वह नहीं चाहती। मैं अपनी जान तक देने को तैयार हूं लेकिन कोई विभाजन नहीं होने दूंगी। हर धर्म की अपनी विशेषताएं हैं। मैंने किसी धर्म के खिलाफ कभी नहीं बोला।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भारत है जहां सभी धर्मों, जातियों और पंथ के लोग साथ रहते हैं। कोई भी श्रेष्ठ या निम्न नहीं है। भले ही वह ब्राह्मण, एससी (अनुसूचित जाति), एसटी (अनुसूचित जनजाति) या किसी अन्य धार्मिक समूह का क्यों न हो। हम इस एकता को खत्म नहीं होने देंगे।
छठ पूजा के अवसर पर 2 दिन का अवकाश
टीएमसी चीफ ने कहा, ‘बंगाल में, यह परंपरा आजादी के समय से है। देश के स्वाधीनता संघर्ष में सर्वाधिक योगदान देने के मामले में पंजाब के बाद बंगाल का ही स्थान है।’ पश्चिम बंगाल सरकार ने छठ पूजा के अवसर पर सभी कार्यालयों में 2 दिन के अवकाश की घोषणा की है। मालूम हो कि छठ पूजा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को शुक्रवार को ‘अर्घ्य’ दिया। इस मौके पर देश के अलग-अलग हिस्सों में नदी के घाटों पर भारी भीड़ नजर आई। खासकर महिला श्रद्धालु काफी उत्साहित दिखीं और सूर्य देव की पूजा-अर्चना की गई।
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