नई दिल्ली ! पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से छठ पूजा (Chhath Puja 2024) का आरंभ हो जाता है। यह महापर्व पूरे चार दिनों तक चलता है। छठ पूजा का मुख्य व्रत कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है। इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और भविष्य के लिए सूर्य देव और छठी मैया की पूजा-अर्चना करती है। इस दौरान महिलाएं 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं। यही वजह है कि इस व्रत को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। पहले दिन नहाय-खाय के साथ छठ पूजा की शुरुआत होती है। दूसरे दिन लोहंडा और खरना होता है। वहीं तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत का पारण किया जाता है और इसी के साथ इस पर्व का समापन हो जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस साल छठ पूजा कब से शुरू हो रही है।
कब है छठ पूजा?
दृक पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तिथि के साथ छठ पूजा का आरंभ हो जात है। वहीं षष्ठी तिथि को शाम के समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 7 नवंबर को 12 बजकर 41 मिनट (ए एम) से आरंभ हो रही है, जो 8 नवंबर को 12 बजकर 34 मिनट (ए एम) पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार 7 नवंबर को ही सूर्य को संध्या अर्घ्य दी जाएगी।
छठ पूजा के दूसरे दिन को लोहंडा या खरना कहा जाता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को खरना का प्रसाद बनाया जाता है। इस दिन माताएं दिनभर व्रत रखती हैं और पूजा के बाद खरना का प्रसाद खाकर 36 घंटे के निर्जला व्रत का आरंभ करती है। इस दिन मिट्टी के चूल्हे में आम की लकड़ी से आग जलाकर प्रसाद बनया जाता है।
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