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Chhath Puja 2022: छठ पूजा में भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना रह जाएगा व्रत

October 19, 2022

नई दिल्‍ली। हिन्दू पंचांग (Hindu calendar) के अनुसार के अनुसार हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा (Chhath Puja) मनाई जाती है। हर साल के कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का आयोजन किया जाता है। छठ पर्व भारत के कुछ कठिन पर्वों में से एक है जो 4 दिनों तक चलता है। इस पर्व में 36 घंटे निर्जला व्रत रख सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है और उन्हें अर्घ्य दिया जाता है। यह व्रत मनोकामना पूर्ति के लिए भी किया जाता है। महिलाओं (women) के साथ पुरुष भी यह व्रत करते हैं। कार्तिक माह (Kartik month) की चतुर्थी तिथि पर नहाय-खाय होता है, इसके बाद दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है। ऐसे में इस वर्ष छठ पूजा रविवार, 30 अक्तूबर को है। मान्यता के अनुसार छठ पूजा और व्रत परिवार की खुशहाली, स्वास्थ्य और संपन्नता के लिए रखा जाता है। चार दिन के इस व्रत पूजन की कुछ विधाएं बेहद कठिन होती हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख 36 घंटे का निर्जला व्रत है।


छठ पूजा तिथि
28 अक्टूबर, शुक्रवार-नहाय खाय
29 अक्टूबर, शनिवार-खरना
30 अक्टूबर, रविवार – डूबते सूर्य को अर्घ्य
31 अक्टूबर, सोमवार- उगते हुए सूर्य को अर्घ्य

छठ पूजा मुहूर्त
कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि प्रारंभ: 30 अक्टूबर 2022, सुबह 05:49
कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि समाप्त: 31 अक्टूबर 2022, सुबह 03:27
सूर्यास्त का समय: सायं 5:37 पर

छठ के व्रत में इन नियमों की न करें अनदेखी
छोटे बच्चों को पूजा का कोई भी सामान छूने नहीं दें।

जब तक पूजा पूर्ण न हो जाए बच्चे को तब तक प्रसाद न खिलाएं, ।

छठ पूजा के समय व्रती या परिवार के सदस्यों के साथ कभी भी अभद्र भाषा का उपयोग न करें।

जो भी महिलाएं छठ मैय्या का व्रत रखें, वह सभी चार दिनों तक पलंग या चारपाई पर न सोते हुए जमीन पर ही कपड़ा बिछाकर सोएं।

छठ पर्व के दौरान व्रती समेत पूरे परिवार सात्विक भोजन ग्रहण करे।

पूजा की किसी भी चीज को छूने से पहले हाथ अवश्य साफ कर लें।

इस पर्व के दौरान सूर्यदेव को अर्घ्य देने के लिए तांबे या कांसे का बर्तन उपयोग में लाएं

छठ मैय्या का व्रत रखने वाले अर्घ्य देने से पहले कुछ न खाएं।

छठ पूजा के दिनों में गलती से भी फल न खाएं ।

इस पर्व के दौरान सूर्यदेव को अर्घ्य देने के लिए तांबे या कांसे का बर्तन उपयोग में लाएं।

छठ का प्रसाद बनाने के लिए ऐसी जगह चुनें, जहां पहले खाना न बनता हो।

छठ पूजा के दौरान स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

नोट- उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्‍य सूचना के लिए है हम इसकी जांच का दावा नहीं करते हैं. इन्‍हें अपनाने से पहले सबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

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