भोपाल। शहर के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले भोजपुरी समाज के लोग आज छठ महापर्व के दूसरे दिन निर्जला व्रत कर रहे हैं। शुक्रवार को घाटों पर डूबते हुए सूर्य को दूध एवं जल से अघ्र्य देंगे। छठ महापर्व कर लिए घरों में तैयारियां पूरी हो गई हैं। शीतलदास की बगिया, कमला पार्क सनसेट, पांच नंबर, भेल बडख़ेड़ा, सीहोर नाका, आनंद नगर सहित कई जगह विर्सजन घाट व कुंड छठ महापर्व के लिए तैयार हैं। बिहार सांस्कृतिक परिषद के महासचिव सतेंद्र कुमार और भोजपुरी एकता मंच के अध्यक्ष कुंवर प्रसाद ने बताया कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा का आयोजन पूर्णतया पवित्रता, मनोयोग एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है। छठ पर्व का बहुत महत्व है। यह महापर्व मुख्यत: पूर्वी भारत विशेषकर बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तरप्रदेश में बड़े धूम-धाम से छठी माई एवं सूर्य देवता की पूजा समाज के सभी लोगों द्वारा की जाती है। साथ है देश-विदेश में यहां भी भोजपुरी समाज के लोग रहते हैं, वहां छठ पर्व उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह महापर्व सूर्य, उषा, प्रकृति, जल, वायु और उनकी बहन छठी मइया को समर्पित है, ताकि उन्हें पृथ्वी पर जीवन के देवताओं की कृपा सतत बनाये रखने के लिए धन्यवाद और कुछ शुभकामनाएं देने का निवेदन किया जाए। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से प्रारम्भ यह चार दिवसीय अनुष्ठान है, जिसमें किसी मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है, बल्कि सृष्टि को प्रकाश एवं जीवन प्रदाय करने वाले सूर्य भगवान एवं छठी मैया की पूजा प्रकृति के विभिन्न पदार्थों के द्वारा पूजा की जाती है।
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