छतरपुर । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर जिले (Chhatarpur district) में अस्पताल प्रबंधन (Hospital Management) एवं एक नर्स की लापरवाही (Negligence) के चलते नवजात बच्ची (Newborn Baby Girl) की मौत हो गई। आरोप है कि अस्पताल की एक नर्स ने 2000 रुपये रिश्वत की मांग की। जब गर्भवती महिला के परिजनों ने पैसे नहीं दिए तो किसी ने भी उसकी मदद नहीं। महिला को बाथरूम में बच्ची को जन्म देना पड़ा, जिसकी थोड़ी देर बाद मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार, छतरपुर जिले के ईशानगर स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार की रात सलैया गांव में रहने वाले बालकिशन आदिवासी अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर आए थे। स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद नर्स से जब उन्होंने अपनी पत्नी को देखने के लिए कहा तो उसने 2000 रुपये रिश्वत की मांग की। बालकिशन ने बताया कि उसके पास पैसे नहीं थे। पैसे नहीं देने पर अस्पताल में मौजूद किसी भी कर्मचारी ने उसकी पत्नी का इलाज नहीं किया। उसकी पत्नी ने बाथरूम में बच्ची को जन्म दे दिया। बाथरूम में डिलीवरी होने के कारण बच्ची फर्श पर गिरी और उसके सिर में गंभीर चोटें आईं, जिससे उसकी मौत हो गई। बालकिशन का कहना है कि वह गरीब मजदूर है। अगर उसके पास पैसे होते तो वह रिश्वत के पैसे जरूर दे देता।
हाथ पैर जोड़ते रहे परिजन, पैसों की मांग पर अड़ी रही नर्स
प्यारी आदिवासी ने बताया कि वह अपनी देवरानी को लेकर ईशानगर स्वास्थ्य केंद्र लेकर आई थी। अस्पताल में नर्स ने पैसों की मांग की। हमारे पास उस वक्त पैसे नहीं थे। हम लोग हाथ पैर जोड़ते रहे, लेकिन नर्स पैसे की मांग पर अड़ी रही। हमें अस्पताल से बाहर जाने को कहा। कुछ देर बाद उसकी देवरानी ने अस्पताल के बाथरूम में ही बच्ची को जन्म दे दिया। उसकी देवरानी काफी देर तक चिल्लाती रही, लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की। आखिरकार बच्ची की मौत हो गई।
थाने में एफआईआर के लिए अड़े परिजन
घटना के बाद परिजन ईशानगर थाने पहुंचे। इस मामले में अस्पताल की नर्स एवं अन्य स्टाफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए अड़ गए। परिजनों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से बच्ची की मौत हुई है। इसलिए सभी को सजा मिलनी चाहिए।
वहीं, इस पूरे मामले में छतरपुर जिले के सीएमएचओ आरके गुप्ता का कहना है कि वह अस्पताल पहुंच गए हैं। मामले की जांच कर रहे हैं। इसमें जो भी दोषी होगा, उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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