छतरपुर । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर (Chhatarpur) में थाने (police station) पर हमले के मुख्य आरोपी शहजाद अली (shehzad ali) घटना के बाद पहली बार सामने आया है। उसने एक वीडियो के जरिए खुद को बेकसूर बताते हुए कहा है कि इसके पीछे कोई साजिश है। कथित तौर पर अवैध जमीन पर बने अली के महल को बुलडोजर (Bulldozer) से मिट्टी में मिला दिए जाने के बाद उसने मुख्यमंत्री मोहन यादव से अपील की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। अली ने कहा है कि नबी की शान में गुस्ताखी की वजह से वह लोगों के साथ मिलकर ज्ञापन देने गया था। उसने थाने पर हमले के पीछे ‘असमाजिक तत्वों’ का हाथ बताया है।
शहजाद अली ने थाने पर भीड़ के साथ पहुंचने की वजह बताते हुए कहा, ‘सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान में महंत ने गुस्ताखी की थी। इसके विरोध में अजुमन सदर, अंजुमन सदर कमिटी, उलमा कमेटी और आवाम ज्ञापन देने गई थी कि उनके खिलाफ एफआईआर की जाए।’ अली ने सोशल मीडिया पर लगभग 3 मिनट का एक वीडियो जारी किया गया है।
इस वीडियो में हाजी शहजाद अली ने अपने आप को कई बार बेगुनाह और पुलिस की मदद करने वाला बताया। हाजी सज्जाद अली ने वीडियो में बताया कि जिस वक्त यह घटना हुई वह थाने में मौजूद था। अचानक से पत्थरबाजी शुरू हुई और वह पत्थर फेंकने वाले लोगों को रोकने लगा। लेकिन इसी बीच पुलिस वालों ने भी पत्थर बरसाने शुरू कर दिए और मामला बिगड़ गया इसके बाद दोनों तरफ से पत्थर बड़ी तेज हो गई और आखिर में माहौल खराब हो गया।
हाजी शहजाद अली ने आगे वीडियो में बताया कि जिस वक्त थाने में मुस्लिम समुदाय के लोग मौजूद थे इस भीड़ में कुछ असामाजिक तत्व भी थे जिन्होंने मौके का फायदा उठाया और पत्थरबाजी शुरू कर दी। अली ने कहा कि कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के कहने पर उसने भीड़ को रोकने का प्रयास भी किया लेकिन भीड़ बहुत आक्रोशित थी और उसे भी चोट आई।
हाजी शहजाद अली ने वीडियो जारी करते हुए खुद को न्याय पसंद बताया है उसने कहा कि जिस जगह पर वह रहता है उससे कुछ ही दूर पर एक खानगाह बना रखी है जहां पर वह अपने समाज में होने वाले छोटे-मोटे झगड़ा विवादों को निपटाता है। उसने कहा कि कई बार दूसरे समाज और समुदाय के लोग भी मदद मांगने के लिए आते हैं। उसने कहा कि किसी ने छवि खराब करने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस को उसके बारे में गलत जानकारी दी।
सज्जाद अली ने छतरपुर पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारियों से अपने अच्छे संबंधों का हवाला दिया और कहा कि पुलिस के अधिकारी उसे पहले से जानते हैं क्योंकि उसका तंजीम 15 सालों से समाजिक सेवा में जुटा है और वह शासन प्रशासन के साथ मिलकर ही काम करता है। अली ने कहा कि वह पहले भी कई बार ज्ञापन देने जा चुका है, लेकिन कभी पथराव नहीं हुआ।
सीएम से निष्पक्ष जांच की मांग की
शहजाद अली ने अपने ऊपर की गई कार्यवाही को लेकर अपना पक्ष रखा और मुख्यमंत्री मोहन यादव से इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच के लिए निवेदन किया। उसने कहा, ‘मुख्यमंत्री और पुलिस के पास मेरी सच्चाई नहीं बताई गई है बल्कि उन्हें गुमराह किया गया है।
बुलडोजर ऐक्शन के बाद गिरिराज सिंह का तंज
मध्य प्रदेश के छतरपुर में थाने पर हमले के बाद पुलिस ने सख्त ऐक्शन लिया। पुलिस ने 150 उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है तो कई दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी पूर्व सदर शहजाद अली के महलनुमा मकान पर बुलडोजर भी चला दिया गया। अब मोदी सरकार के मंत्री और बिहार के बड़े भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने बुलडोजर ऐक्शन पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पत्थरबाजों के लिए और पत्थरों को इंतजाम कर दिया है।
अक्सर तीखी बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में रहने वाले गिरिराज सिंह ने शहजाद अली के मकानों पर बुलडोजर चलने की तस्वीरों को साझा करते हुए एक्स पर लिखा, ‘सरकार ने पत्थर फेंकने वालों के लिए और ज्यादा पत्थरों का इंतजाम कर दिया है। बहुत सारे पत्थर, पत्थर ही पत्थर।’ बताया जा रहा है कि शहजाद अली के इस मकान की कीमत 5 करोड़ रुपए से अधिक थी। शहजाद अली पर लोगों को भड़काने का आरोप है। पत्थरबाजी में कोतवाली प्रभारी समेत कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे।
गिरिराज सिंह के पोस्ट पर कई लोगों ने अलग-अलग तरह की टिप्पणी की। इसमें एक यूजर की प्रतिक्रिया गिरिराज सिंह को पसंद आई और उन्होंने स्क्रीनशॉट के साथ उसकी बात को दोहराया। भाजपा नेता ने लिखा, ‘किसी ने कहा- यदि वे शरिया चाहते हैं, उन्हें सरिया दीजिए जब तक भारतीय कानून को मानें।’ कुछ यूजर ने जहां इस कार्रवाई को संविधान के मुताबिक गैर कानूनी कहा था तो एक अन्य यूजर ने लिखा था, ‘वे शरिया चाहते हैं, हम उन्हें सरिया दे रहे हैं।’
छतरपुर के कोतवाली थाने में 21 अगस्त की दोपहर मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोग ज्ञापन लेकर पहुंचे थे। वे महाराष्ट्र में कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद साहब पर की गई विवादित टिप्पणी के मामले में एफआईआर दर्ज करवाना चाहते थे। शहर सदर जावेद अली और पूर्व सदर शहजाद अली की अगुआई में पहुंची भीड़ अचानक उग्र हो गई और थाने पर पथराव शुरू कर दिया।
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