महाकाल में भस्म आरती के दौरान भडक़ी आग
अनुमति से अधिक लोग मौजूद थे गर्भगृह में
उज्जैन। उज्जैन के महाकाल मंदिर (Mahakal Temple of Ujjain) में कल भस्म आरती के दौरान जब पुजारी आरती कर रहे थे, तभी कपूर की लौ पर कलर क्लाउड सिलेंडर (color cloud cylinder) से केमिकल के रंग उड़ाए जाने से यकायक आग भडक़ उठी और पुजारियों के शरीर पर भी गुलाल होने से उनके शरीर झुलसने लगे। कुछ ही देर में वहां कोहराम मचने के बाद जब पुजारी गर्भगृह के द्वार की तरफ भागे, तब तक आग में वहां मौजूद 14 लोग झुलस गए थे, जिनमें से 9 लोगों को कल ही उपचार के लिए इंदौर भेजा गया था। बीती रात 1 बजे उज्जैन में भर्ती 4 लोगों को भी इंदौर रैफर कर दिया गया। महाकाल मंदिर में अराजकता का माहौल है और इसी लापरवाही के कारण यह भीषण घटना घटी। घायल पुजारियों की हालत संतोषजनक है और एक-दो दिनों में वे घर जा सकेंगे।
प्रधानमंत्री द्वारा घटना पर दु:ख जताने के बाद यह नेशनल खबर बन गई और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 3 दिन में मजिस्ट्रियल जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं। मंदिर समिति और पुजारियों की बड़ी लापरवाही दिखाई दे रही है। कहा जा रहा था कि महाकाल मंदिर में चढ़ रहे फूलों से हर्बल रंग तैयार कराए जा रहे हैं, जबकि रात की शयन आरती और सुबह भस्म आरती में केमिकलयुक्त गुलाल उड़ाया गया। यह भी पता चला है कि कलर क्लाउड सिलेंडर से रंगीन गुलाल का धुआं स्प्रे किया गया और इसके कारण कपूर आरती की आग पूरे गर्भगृह में फैल गई। मंदिर समिति ने तय कर रखा है कि पुजारी एवं यजमान सहित भस्मारती में कुल 9 लोग रहेंगे, लेकिन करीब 14 लोग घायल हुए हैं और गर्भगृह में अधिक लोग थे। सवाल उठ रहा है कि केमिकलयुक्त रंगों का उपयोग किसकी अनुमति से हुआ और किस तरह लोग गर्भगृह में घुस रहे हैं। आम लोगों के लिए महाकाल मंदिर में दर्शन करना एक मुसीबत बन चुका है और कल इससे भी बड़ा हादसा हो सकता था तथा गर्भगृह में मौजूद सभी लोगों की जान जा सकती थी। मुख्यमंत्री ने कहा भी भीषण हादसा टल गया है। मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं। जो चार घायल उज्जैन में भर्ती थे उन्हें भी बीती रात इंदौर भेज दिया गया। मुख्यमंत्री ने हादसे में घायल लोगों को एक-एक लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है।
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