रामेश्वर धाकड़
भोपाल। श्योपुर जिले का कूनो नेशनल पार्क अफ्रीकन चीतों की बसाहट का लंबे समय से इंतजार कर रहा है, लेकिन भारत सरकार के ढुलमुल रवैए की वजह से कूनो का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है। जबकि दक्षिण अफ्रीका में चीते जुलाई से कूनो आने के इंतजार में पिछरे में कैद हैं। चीतों के व्यवहार एवं बसाहट का अध्ययन करने के लिए मप्र के अफसरों की टीम इसी महीने अफ्रीका जाने वाली थी, लेकिन भारत सरकार ने अभी तक हरी झंडी भी नहीं दी है। कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में गुजरात गिर के शेर बसाने के लिए तैयार किया गया था। गिर के शेरों के हिसाब से भी भारत सरकार वन्य प्राणी मंत्रालय की रिपोर्ट के आधार पर कूनों का क्षेत्रफल बढ़ाया था।
जब कूनो शेरों की बसाहट के लिए तैयार हो गया था, तब गुजरात सरकार ने शेर देने से इंकार कर दिया। इसमें केंद्र की वर्तमान सरकार का झुकाव भी गुजरात सरकार की ओर रहा। इसके बाद कूनो में अफ्रीकन चीते बसाने की प्रक्रिया शुरू हुई। इसी साल अप्रैल में तय हुआ था कि नवंबर तक कूनों में चीते आ जाएंगे। इसके बाद साउथ अफ्रीका सरकार ने मप्र भेजने के लिए चीतों को जुलाई में ही कैद कर लिया था। इसके बाद से चीते कूनो आने का इंतजार कर रहे हैं। इधर मप्र सरकार चीतों को लाने के लिए भारत सरकार की हरी झंडी का इंतजार कर रही है।
शेरों के बाद चीतों में अडंग़ा
गुजरात सरकार ने मप्र को शेर देने से इंकार किया था। इसमें भारत सरकार की भी भूमिका रही है। अब अफ्रीकन चीतों की बसाहट में भी भारत सरकार का वन्य प्राणी मंत्रालय अडंग़ा लगा रहा है।
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