श्योपुर: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) से ओबान नाम का नर चीता अपने इलाके से बाहर निकल आया है. वह विजयपुर क्षेत्र के जहर बड़ौदा और गोलीपुरा (Baroda and Golipura) के खेतों में पहुंच गया. चीते के पार्क से बाहर आने की खबर से ही वहां हड़कंप मच गया. लोग लाठी-डंडा लेकर चीते की तलाश करने लगे. वहीं वन विभाग का अमला (staff of forest department) चीते को वापस पार्क के खुले जंगल में ले जाने की कोशिशें कर रहा है.इस मामले में खास बात यह है कि एक गांव में चीते की वजह से दहशत फैल गई है, वहीं आसपास के हजारों लोग चीता देखने गोलीपुरा इलाके में आ रहे हैं. इससे रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार-रविवार की रात नर चीता ओबान कूनो नेशनल पार्क से भाग गया.ओमान की आखिरी लोकेशन बड़ौदा गांव मिली थी. ओमान के गले पर कॉलर आईडी लगी हुई है. इससे उसकी जानकारी मिल पाई है.इस घटना में कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन की बड़ी लापरवाही भी उजागर हुई है.अब वन विभाग की टीम ओबान को ढूंढने मे लग गई है.
चीते का एक वीडियो भी सामने आया है. इसमें कूनो नेशनल पार्क से निकलकर चीता खेतों में निकलकर जाते हुए दिख रहा है. चीते के बाहर निकलने की खबर फैलते ही ग्रामीणों में दहशत फैल गई. ओबान वही चीता है, जिसे नामीबिया से लाकर मध्य प्रदेश के श्योपुर में स्थित कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में छोड़ा गया था.
नामीबिया से लाकर छोड़े गए चीतों में से एक मादा चीता ‘साशा’ की कुछ दिनों पहले बीमारी की वजह से मौत हो गई थी. ‘साशा’ के अंतिम संस्कार के एक दिन बाद ही दूसरी मादा चीता ‘सियाया’ ने चार शावकों को जन्म दिया था.यह भारतीय भूमि पर 1947 के बाद जन्मे चीता के पहले चार शावक हैं.इसके बाद श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन 19 चीतों की 24 घंटे निगरानी कर रहा है. इसके बावजूद ओबन का भागना बड़ी लापरवाही मानी जा रही है.
मध्य प्रदेश पिछले साल 17 सितंबर को उस समय चीता स्टेट बन गया था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर कूनो नेशनल पार्क के बाड़े में नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को छोड़ा था. छह महीने पहले कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बसाया गया है.चार चीते खुले में घूम रहे हैं,तीन बड़े बाड़े में हैं और 12 चीते अभी क्वारंटीन में रखे गए हैं. कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन के अनुसार सभी चीतों की सेहत का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.
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