ओंकारेश्वर। पिछले चार-पांच दिनों के दौरान प्रदेश के अन्य स्थानों के साथ ओंकारेश्वर (Omkareshwar) तीर्थ क्षेत्र में अच्छी बारिश होने के बाद श्रावण मास के प्रथम सोमवार पर्व पर मौसम दिनभर सुहावना रहा। ऐसे मौसम के बीच प्रातः काल से ही शिव भक्तों के आने का क्रम प्रारंभ हो गया था जो दिन भर चलता रहा पुण्य सलिला मां नर्मदा में स्नान करने के साथ ओमकारेश्वर एवं ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग (Mamleshwar Jyotirlinga) मंदिरों में भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए भक्तों के आने का क्रम लगातार चलता रहा।
दोनों मुख्य मंदिरों में दर्शन हेतु अपनी बारी का इंतजार कर रहे खड़े भक्तगण भोले शंभू भोलेनाथ के जय घोष के साथ ओम नमः शिवाय मंत्र का उच्चारण करते दिखाई दिए। कल के रविवार की अपेक्षा सोमवार दर्शनार्थियों की संख्या कम होने के कारण दोनों मंदिरों में आए शिव भक्तों को भोलेनाथ के दर्शन आसानी से हो रहे थे।
ओमकारेश्वर मंदिर में पहुंचने वाले यात्री गणों से वैक्सीन लगाने का सर्टिफिकेट सेनीटाइजर एवं मास्क लगाने की हिदायत देते मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारी देखे गए, लेकिन ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में पहुंचने वाले यात्रियों से इस तरह की पूछताछ करने वाला वहां कोई भी नहीं दिखाई दिया। शाम 4बजे ममलेश्वर मंदिर से भगवान भोलेनाथ की दो मुखी पीतल से निर्मित प्रतिमा को स्थानीय गोमुख घाट पर लाया गया। जहां उनका पूजन अभिषेक स्थानीय विद्वान पंडितों द्वारा किया गया। इस दृश्य को देखने के लिए बड़ी संख्या में शिव भक्त गण उपस्थित थे। इसी तरह ओमकारेश्वर मंदिर से भगवान भोलेनाथ की पंचमुखी रजत प्रतिमा को पालकी में बैठाकर कोटि तीर्थ घाट पर लाया गया। यहां भगवान भोलेनाथ के पंचमुखी रजत प्रतिमा का पूजन अभिषेक पंडित राजेश्वर दीक्षित के आचार्यत्व में पंडितों द्वारा किया गया। इस दृश्य को देखने के लिए घाट पर बड़ी संख्या में शिव भक्त गण उपस्थित थे। इसके पश्चात दोनों मंदिरों की भगवान भोलेनाथ की सवारियों को नाव के समूह में बैठा कर का भ्रमण करवाया गया। इसके पश्चात ओमकारेश्वर मंदिर की भगवान भोलेनाथ की सवारी प्रतीकात्मक रूप में स्थानीय केवल राम घाट पहुंची तो दूसरी ओर ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की सवारी उस पार के कोटी फिर से घाट पर पहुंची। नर्मदा तट के गोमुख घाट केवल रामघाट कोटि तीर्थ घाट एवं चक्रतीर्थ घाट के अलावा झूला पुल एवं पद गामी गांव में पुल पर खड़े शिव भक्तों ने भगवान भोलेनाथ की सवारी का आनंद लिया।
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