नई दिल्ली। थोक महंगाई घटकर मई, 2023 में लगातार दूसरे महीने शून्य से नीचे पहुंच गई। इससे पहले अप्रैल, 2023 में यह (-) 0.92 फीसदी रही थी। थोक महंगाई घटाने में रूस से सस्ते कच्चे तेल आयात की बड़ी भूमिका रही है क्योंकि इससे घरेलू बाजार में न सिर्फ ईंधन और बिजली की कीमतों में नरमी आई है बलि्क कंपनियों की उत्पादन लागत में भी गिरावट दर्ज की गई है। इसका असर महंगाई के मोर्चे पर राहत के रूप में देखने को मिल रहा है।
मूडीज एनालिटिक्स के मुख्य अर्थशास्त्री (APAC) स्टीव कोचरेन ने कहा, यूक्रेन युद्ध के बाद बदले वैशि्वक हालात के बाद से भारत लगातार रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है। पिछले साल भारत ने सस्ते रूसी कच्चे तेल का आयात दोगुना किया है। इससे उसे ऊर्जा की लागत को उचित स्तर पर रखने में मदद मिली है, जिससे महंगाई घटी है।
नीतिगत दर में बदलाव की संभावना नहीं
बार्कलेज के प्रबंध निदेशक राहुल बाजोरिया ने कहा, थोक महंगाई के आंकड़े को देखते हुए अनुमान है कि निकट भविष्य में खुदरा महंगाई और नीचे आएगी। ऐसे में चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति बने रहने की संभावना है।
भंडारण सीमा के उल्लंघन पर कार्रवाई करें राज्य कीमतों पर रखें नजर
केंद्र ने बुधवार को राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे तुअर और उड़द की कीमतों पर लगातार नजर रखें। साथ ही, भंडारण सीमा आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करें। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य सरकारों को यह निर्देश दिया गया। बैठक में तुअर और उड़द के भंडारण की जानकारी के साथ राज्य सरकारों की लगाई गई
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