नई दिल्ली। दिल्ली के एम्स अस्पताल (AIIMS Hospital Delhi) में एक महिला ने जिस स्थिति में बच्ची को जन्म दिया है, वह किसी चमत्कार से कम नहीं है. 23 वर्षीय महिला जो करीब 7 माह से अस्पताल में बेहोश (अचेतन अवस्था) पड़ी है, उसने पिछले सप्ताह एक बच्ची को जन्म दिया. वह बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ (Healthy) है. दरअसल, महिला बुलंदशहर की रहने वाली है. सात महीने पहले वह एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई थी, जिसमें उसके सिर में गंभीर चोट लगी थी. सिर में चोट की सर्जरी के बाद से ही महिला अस्पताल में सात महीने से बेहोश पड़ी है.
जानकारी के मुताबिक, डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची को जन्म देने वाली महिला 31 मार्च को सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई थी. वह अपने पति के साथ मोटरसाइकिल पर सवार थी और इस दौरान महिला ने हेलमेट नहीं पहना था. हादसे में उसके सिर में कई गंभीर चोटें आईं और हालांकि वह बच गई, लेकिन वह बेहोश रही. न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रोफेसर दीपक गुप्ता ने बताया कि महिला अचेतन अवस्ता में है, वह अपनी आंखें खोलती है, लेकिन किसी भी आदेश का पालन नहीं करती है. उन्होंने कहा कि अगर महिला ने हेलमेट पहना होता तो उसकी जिंदगी कुछ और होती.
एम्स अस्पताल में बच्ची को जन्म देने वाली महिला का पति प्राइवेट ड्राइवर (private driver) का काम करता था. मगर उसने अपनी गर्भवती पत्नी (pregnant wife) की देखभाल करने के लिए नौकरी छोड़ दी, क्योंकि महिला होश में नहीं थी. महिला के पति ने कहा कि मेरे पास अब कहने को कुछ भी नहीं है. मुझे नहीं पता कि अब क्या करना है और जिंदगी कैसे कटेगी. सब कुछ ठप सा हो गया है. उन्होंने कहा कि हादसे के वक्त वह भी पत्नी के साथ थे, मगर भुगतना उनकी पत्नी को पड़ रहा है.
एम्स के डॉक्टर (AIIMS doctor) ने बताया कि महिला जब अस्पताल में भर्ती हुई थी, तब वह 40 दिनों की गर्भवती थी. स्त्री रोग विशेषज्ञों की टीम ने उसकी स्थिति की समीक्षा की और बच्चा पूरी तरह स्वस्थ पाया और प्रेग्नेंसी को खत्म करने का कोई संकेत नहीं दिखा. इसके बाद डॉक्टरों ने बच्चे को रखने या न रखने का फैसला मरीज के परिवार पर छोड़ दिया. इसके बाद महिला के पति ने बच्चे का गर्भपात कराने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बजाय उसे अपनाने का विकल्प चुना.
फिलहाल, मरीज क्योंकि अचेतन अवस्था में ही रहती है, वह बच्ची को दूध नहीं पिला पा रही है. बच्ची को अभी बोतल से दूध दिया जा रहा है. बताया जा रहा है कि जब महिला अस्पताल पहुंची थी, तब भी बेहोश ही थी. 30 मार्च से लेकर 15 जून के बीच कुल पांच न्यूरोसर्जिकल ऑपरेशन किए गए.
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