लखीमपुर खीरी । लखीमपुर खीरी की एक अदालत (Lakhimpur Khiri Court) ने केंद्रीय मंत्री (Central Minister) अजय मिश्रा के बेटे (Ajay Mishra’s Son) आशीष मिश्रा पर (On Ashish Mishra) लखीमपुर खीरी के किसानों की हत्या के मामले में (In case of Murder of Farmers in Lakhimpur Khiri) आरोप तय किए (Charges Framed) और घोषणा की कि (Announced that) 16 दिसंबर से मुकदमा चलेगा (Trial will Continue from 16 December) ।
अदालत द्वारा आशीष मिश्रा की डिस्चार्ज याचिका खारिज करने के एक दिन बाद मुकदमा चलने की बात सामने आई है। पुलिस की चार्जशीट में मिश्रा पर हत्या का आरोप लगाया गया है। आरोप है कि पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसानों के एक विरोध मार्च के दौरान आशीष मिश्रा एक एसयूवी में थे जिसने चार किसानों और एक पत्रकार को रौंद दिया था। जिसमें पांचों की मौत हो गई थी। इस घटना का वीडियो भी सामने आया था।
गुस्साए किसानों ने एसयूवी का पीछा करने में कामयाबी हासिल की और कथित तौर पर चालक और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस घटना से सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ आक्रोश पैदा हो गया था और सरकार पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बचाने का आरोप लगाया गया था। कई लोगों ने उनके इस्तीफे की भी मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद आशीष मिश्रा को किसानों की मौत के कुछ दिनों बाद गिरफ्तार किया गया। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पुलिस जांच पर सवाल उठाते हुए उन्हें फरवरी में जमानत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 18 अप्रैल को आशीष मिश्रा को मिली जमानत रद्द करते हुए उन्हें एक हफ्ते के अंदर सरेंडर करने को कहा था।
अदालत ने जांच में पाया कि पीड़ितों को इलाहाबाद हाई कोर्ट में ‘निष्पक्ष और प्रभावी सुनवाई’ से वंचित कर दिया गया था। लखीमपुर खीरी अदालत के समक्ष दायर डिस्चार्ज याचिका में आशीष मिश्रा और अन्य दोषियों ने तर्क दिया था कि उन पर गलत आरोप लगाए गए हैं। कोर्ट ने सभी आरोपियों की दलीलें खारिज कर दीं। अदालत ने आशीष मिश्रा और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए हैं और मुकदमा चलाने का ऐलान किया है।
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