नागदा। जीवन में जो आगे ले जाए वो अग्नि हैं। शास्त्रों में अग्नि गुरू, माता-पिता को भी कहा है, मां ही एक ऐसा तत्व हैं, जहां आग व पानी दोनों एक साथ दिखाई देते हैं। आज ये कथा भी अग्नि के रूप दयानंद व्यास पीठ श्रद्वालुओं को जीवन में आगे बढ़ाने की प्रेरणा देगी। प्रेरणा पाकर बड़े-बड़े पापी अपने जीवन में परिवर्तन कर सज्जनता को धारण करते हुए नया इतिहास रच गए है, जिसके अनेकों प्रमाण शास्त्रों में प्रमाणित है, इसलिए शास्त्र में सत्संग की महत्ता बताते हुए कहा कि जीवन में चित्रों से ज्यादा चरित्र का महत्व होता है। यह बात सत्य सनातन वैदिक धर्म प्रचार समिति व आर्य समाज के तत्वावधान में आयोजित श्रीराम वैदिक कथा में कथावाचिका अंजली आर्या ने कही। गौरतलब है कि रविवार को कथा का समापन होगा। कार्यक्रम संयोजक कमल आर्य ने बताया शुक्रवार को यज्ञ में विजय पटेल, संजय राठौर, कमलेश प्रजापत, डॉ. दशरथ डोडिया, भरत पाटीदार, विनोद सोनी, श्याम सोलंकी, अमर सोलंकी, निलेश मेहता शामिल हुए। कथावाचिक आर्या ने भरत मिलाप का प्रसंग सुनाते हुए कहा श्रंगवेरपुर के राजा निषाद द्वारा राम को गंगा पार कराने के लिए नाविक की व्यवस्था की गई। जिसमें केवट ने अपने आतिथ्य का निर्वहन करते हुए प्रथम राम के चरण धोकर गंगा पार की। वनवासी वेश देखते हुए केवट ने उतराई न लेने का मन बनाया, लेकिन सीता राम की मनोदशा समझते हुए अपने हाथ की मुद्रिका राम को देते हुए उतराई देने की बात कहीं। तब केवट ने राम से कहा कि वापस चौदह वर्ष बाद आप लौटोगे तो मैं आपसे उतराई लूंगी। राम आपके विचार सुनकर जडवत अहिल्या भी प्राणवती बनकर अपने जीवन को कृतार्थ किया, आप मयार्दा पुरुषोत्तम है, संसार में आपके अनुरूप कार्य करने हर प्राणी की मुक्ति संभव है न की केवल राम नाम जपने से मुक्ति होगी।
इन्होंने लिया आशीर्वाद
कथा में राष्ट्रीय परशुराम सेना, नवकार भाईजी ग्रुप, नवकिरण सामाजिक संस्था के पदाधिकारी के अलावा सुबोध स्वामी, बद्रीलाल पोरवाल, जितेंद्र कुशवाह, हरचरणसिंह चावला, शीला ओझा, डॉ. सुनील चौधरी, डॉ. हिमांशु पांडे, प्रफुल्ल शुक्ला, शरद गुप्ता, दीपक चैहान, ब्रजेश बोहरा, कैलाश सनोलिया, प्रशांत मेहता, नीलेेश मेहता, बबलू यादव, राजेश सकलेचा, समाजसेवी रवि कांठेड़, पंकज मारू, मनोज हेडऊ, सुरेश उपाध्याय, अंकित पोरवाल, जया पांडे, रिंकु शर्मा, आशा जवेरिया, राधा पांचाल, मंजु शर्मा शामिल हुए।
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