इंदौर, राजेश ज्वेल। नए अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने का हल्ला दो साल पहले तेजी से मचा और चापड़ा में उसके लिए हजारों एकड़ जमीनें भी चिन्हित कर ली गईं और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भी इस जगह को सबसे उपयुक्त बताया। नतीजतन इंदौर सहित प्रदेशभर के जमीनी जादूगरों ने चापड़ा में जमीनें खरीद लीं। मगर फिर यह एयरपोर्ट फाइलों में ही दफन हो गया। अब उज्जैन के मुख्यमंत्री बनने के बाद देवास, उज्जैन, इंदौर के बीच नए सिरे से एयरपोर्ट के लिए सर्वे कर उपयुक्त जमीन की तलाश की जा रही है। दूसरी तरफ उज्जैन में जो मौजूदा दताना हवाई पट्टी है, उसे भी फिलहाल सुधारा गया और भविष्य में उसे भी विस्तारित किया जा रहा है, ताकि छोटे से लेकर इंदौर एयरपोर्ट पर उतरने वाले बोइंग भी भविष्य में दताना में उतर सकें। अभी तो मुख्यमंत्री का छोटा सरकारी विमान भी दताना में उतर सके, उसके लिए आज दोपहर लैंडिंग की टेस्टिंग की जा रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव चूंकि उज्जैन के हैं और उन्हें अभी विमान से उज्जैन नहीं जा पाते हैं। हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करना पड़ता है या फिर इंदौर एयरपोर्ट से सडक़ मार्ग के जरिए उज्जैन जाते हैं। लिहाजा दताना स्थित हवाई पट्टी को इस तरह से तैयार किया जा रहा है, ताकि मुख्यमंत्री का विमान तो उतर ही सके, वहीं 3600 मीटर लम्बाई की अगर एयर स्ट्रीप तैयार कर दी जाती है तो फिर इंदौर की तरह अन्य विमान भी उज्जैन में उतर सकेंगे, क्योंकि महाकाल लोक बनने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु अभी हवाई जहाज से इंदौर आकर उज्जैन जाते हैं। अब चूंकि मुख्यमंत्री का यह गृह नगर है। लिहाजा अब उज्जैन में भी तेजी से तमाम सुविधाएं शासन-प्रशासन द्वारा जुटाई जाएगी, जिसके चलते नए एयरपोर्ट की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई और ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए नए सिरे से जमीन की तलाश की जा रही है।
यह जमीन इंदौर, उज्जैन, देवास के बीच उपयुक्त मानी जा रही है। विमानन विभाग की 10 सदस्यीय टीम ने इसके लिए सर्वे भी शुरू कर दिया, जिसमें प्रशासन से लेकर लोक निर्माण विभाग और अन्य के अधिकारी भी शामिल रहे, वहीं हाउसिंग बोर्ड के साथ विमानन विभाग के आयुक्त चंद्रमौली शुक्ल ने कल उज्जैन पहुंचकर देवास रोड स्थित दताना हवाई पट्टी का भी अवलोकन किया। उनके मुताबिक इस हवाई पट्टी का भी इस्तेमाल आने वाले दिनों में विमानों की लैंडिंग के लिए किया जा सकता है। इसके लिए योजना बनाई जा रही है और कितनी जमीन लगेगी उसके अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। फिलहाल तो इस हवाई पट्टी को इस तरह से तैयार कर दिया है, जिससे मुख्यमंत्री का विमान उतर सके। आज दोपहर उसकी टेस्ट लैंडिंग भी की जा रही है। उल्लेखनीय है कि दो-तीन साल पहले शासन स्तर पर चापड़ा में विशाल अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की योजना बनी और तेजी से फाइल दौडऩे लगी, जिसके चलते जमीनी जादूगरों, अधिकारियों व अन्य ने चापड़ा और उसके आसपास की जमीनें खरीद ली और देखते ही देखते जमीनों की कीमतें भी कई गुना बढ़ गई। मगर उसके बाद चापड़ा का यह एयरपोर्ट फाइलों में ही दफन हो गया और जिन लोगों ने करोड़ों का मुनाफा कमाने के लिए जमीनें खरीदी वे भी माथा पकडक़र बैठ गए।
किराए के विमानों में उड़ रही है प्रदेश सरकार
सरकारी विमान के दुर्घनाग्रस्त होने के बाद से पिछले दो साल से प्रदेश सरकार किराए के विमानों में उड़ रही है, जिसके लिए एक दर्जन कम्पनियों से अनुबंध कर रखा है और 40 करोड़ का सालाना बजट भी इसके लिए मंजूर है। अब डॉ. मोहन यादव की सरकार नए सिरे से जेट प्लेन खरीदी की प्रक्रिया शुरू करेगी, जो 200 करोड़ रुपए से अधिक में आएगा। पूर्व की शिवराज सरकार ने 150 करोड़ का बजट प्रावधान किया था।
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