नई दिल्ली: भारत द्वारा हांगकांग को पछाड़कर दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार बनने के तुरंत बाद, सेंसेक्स और निफ्टी में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली. जहां सेंसेक्स 1,000 अंकों से ज्यादा टूटकर 71,000 अंकों के लेवल से नीचे आ गया. वहीं निफ्टी भी 1 फीसदी से ज्यादा टूटकर 21,400 अंकों से नीचे आ कारोबार कर रहा था. मिड और स्मॉलकैप एक्सचेंज में 3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. जिसकी वजह से शेयर बाजार निवेशकों को लगभग 8 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो गया.
खास बात तो ये विदेशी बाजारों में तेजी देखने को मिली थी, उसके बाद भी भारतीय शेयर बाजार में बैंक, तेल और गैस शेयरों, एफएमसीजी और मेटल्स शेयरों में तेज गिरावट देखी गई, जबकि फार्मा और आईटी में खरीदारी देखी गई. निफ्टी में आधे से ज्यादा नुकसान में अकेले रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक का योगदान रहा. जानकारों की मानें तो वेस्ट एशिया और लाल सागर टेंशन चिंता का विषय है. अगर कुछ गलत हुआ, तो बाजार प्रभावित होगा. इसके अलावा शेयर बाजार भी हाई वैल्यूड है. जिसकी वजह से मुनाफावसूली देखने को मिल रही है. आइए आपको भी उन कारणों को बताते हैं जिसकी वजह से बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है.
इन कारणों से टूटा बाजार
- एचडीएफसी बैंक : मंगलवार को एचडीएफसी बैंक के शेयर में 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली. कंपनी का शेयर दिसंबर तिमाही नतीजों से उबर नहीं नहीं पाई है. इसके अलावा निफ्टी बैंक में भी 2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयरों में 6.5 फीसदी की गिरावट आई, इसके बाद इंडसइंड बैंक, पीएनबी, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक और एसबीआई भी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं.
- रिलायंस इंडस्ट्रीज : भारत की सबसे वैल्यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में 2 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है. ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सिटी ने 2,910 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ स्टॉक को न्यूट्रल रेटिंग में डाउनग्रेड कर दिया है और कहा है कि आरआईएल का हालिया बेहतर प्रदर्शन जोखिम/इनाम को अधिक संतुलित बनाता है. इसके Q3 नतीजे मोटे तौर पर इन-लाइन थे. अन्य तेल और गैस शेयरों में भी आईओसी, एचपीसीएल, अडानी टोटल गैस, ऑयल इंडिया, ओएनजीसी और बीपीसीएल में 4-5 फीसदी की गिरावट के साथ बिकवाली का दबाव देखा गया.
- विदेशी निवेशकों की बिकवाली : पिछले दो महीनों में खरीदारी के बाद, एफआईआई महीने में अब तक भारतीय शेयरों में 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली कर चुके हैं. म्यूचुअल फंड के नेतृत्व में घरेलू संस्थान बिकवाली को झेलने की कोशिश कर रहे हैं.
- निवेशकों की मुनाफावसूली : बीते कुछ समय से जानकारों की ओर से चेतावनी दी जा रही थी. बाजार के हाई वैल्यूएशन होने के बाद भी रिटेल निवेशकों ने काफी खरीदारी की है. जिसकी अब मुनाफावसूली हो रही है. बीते तीन महीने में निफ्टी 9 फीसदी उछला है. जबकि स्मॉल और मिडकैप एक्सचेंजों में 18 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है.