नई दिल्ली । हिंदू धर्म (Hindu Religion) में हर दिन हर महीना किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है. जैसे मार्गशीर्ष माह का महीना श्री कृष्ण को समर्पित है, सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. उसी प्रकार मंगलवार के दिन भगवान हनुमान जी (lord hanuman ji) की पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन बजरंगबली (bajrangbali) की पूजा-अर्चना का विधान है. इन्हें मारुत नंदन, बजरंगबली, हनुमान जी, संकट मोचन, पवनसुत आदि नामों से भी पुकारा जाता है.
शास्त्रों में बताया गया है कि सिर्फ हनुमान जी का सुमरन करने से भर से ही सभी संकट और दुख दूर हो जाते हैं. ज्योतिषियों की मानें तो मंगलवार के दिन हनुमान जी का व्रत आदि करने से ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. साथ ही सूर्य भी मजबूत होता है. कहते हैं कि सूर्य के मजबूत होने से करियर और कारोबार में तरक्की के रास्ते खुलते हैं. कहते हैं कि मंगल के कमजोर रहने से जातक पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. अगर आप भी जीवन में समस्त दुखों और संकटों से मुक्ति चाहते हैं तो हनुमान जी की पूजा के बाद इन मंत्रों का जाप अवश्य करें.
1. ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमंते
टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा
शत्रुओं का नाश करने के लिए इस मंत्र का उच्चारण करें. इससे शत्रुओं का दमन होता है. नियमित रूप से स्नान-ध्यान और हनुमान चालीसा पाठ के बाद इस मंत्र का 11 बार जरूर जप करें.
2. ऊँ नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिमुखाय गरुडानना
मं मं मं मं मं सकल विषहराय स्वाहा।।
इस मंत्र का जाप करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है. आर्थिक तंगी से गुजर रहे लोगों को नियमित रूप से स्नान-ध्यान के बाद कम से कम 11 बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे जीवन में आ रही आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती है.
3. ॐ हं हनुमंते रुद्रात्मकाय हुं फट्
नियमित रूप से पूजा करने के समय इस मंत्र का जाप अवश्य करें. हनुमान जी की पूजा से पहले इस मंत्र का उच्चारण करें. ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से बजरंगबली जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं.
4. श्री गुरु चरण सरोज रज,
निज मन मुकुर सुधार |
बरनौ रघुवर बिमल जसु,
जो दायक फल चारि |
बुद्धिहीन तनु जानि के,
सुमिरौ पवन कुमार |
बल बुद्धि विद्या देहु
मोहि हरहुं कलेश विकार ||
मान्यता है कि जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए नियमित रूप से सुबह-शाम हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें. हनुमान चालीसा के दोहा में ही सकल दुःख दूर कर बल, बुद्धि और विद्या देने की आराधना है.
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