रतलाम। कोरोना काल में भगवान नाम, मन्त्र जप, योग प्राणायाम बढ़ा इम्युनिटी बूस्टर है। आप अपने घरों में भगवान के पावन चरित्र और लीलाओं का पठन, श्रवण करें। इससे मानसिक तनाव दूर होगा और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। यह बातें मंगलवार को महामंडलेश्वर स्वामी चिद्म्बरानंद सरस्वती महाराज ने शहर के दयाल वाटिका में आयोजित पुण्योत्सव श्रीमद भागवत कथा की पूर्णाहुति करते हुए कही।
स्वामीजी ने कहा कि मुझे इस बात पर बड़ा आश्चर्य होता है कि घर में दूध, मलाई के मंहगे साबुन और क्रीम का उपयोग करने वाले शिवलिंग पर दूध अभिषेक पर आपत्ति दर्ज करवाते है। कथा ने कभी यह संदेश नहीं दिया कि आप किसी गरीब के मुंह से निवाला छीनो। बल्कि परमार्थ के कार्यों का मूल प्रेरणा स्त्रोत कथाएं और सत्संग रहते है। हमारी उपासना पद्धति को टारगेट करके कतिपय लोग आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे है। हमे ऐसे लोगो से सतर्क रहकर धर्म, संस्कृति की रक्षा करते हुए मुखर होना पड़ेगा।
मीडिया पर बड़ी जिम्मेदारी है
स्वामीजी ने कहा कि मीडिया पर आज के समय में बड़ी जिम्मेदारी है,उसे सकारात्मक पक्ष को प्रमुखता देना चाहिए। उसका लक्ष्य सनसनी फैलाना अथवा टीआरपी बढ़ाना नहीं होना चाहिए। मीडिया अच्छाई को प्रचारित करें तो बुराई को छपने के लिए स्थान ही नहीं मिलेगा। अक्सर होता यह है कि किसी कथा में हजारों लोगों के जीवन को धर्म, संस्कृति, राष्ट्र, समाजसेवा और परोपकार के कार्यों से जोडऩे का कार्य किया जाता है, वह कार्य हेडलाईन नहीं बन पाता है। अच्छा कार्य को दिखाने के लिए शुल्क चुकाना पड़ता है जबकि समाज की मानसकिता को दूषित करने वाले कार्यो को बड़ा चढ़ाकर टॉप स्टोरी बनाया जाता है। मीडिया हॉउस को इस प्रवति से बचना होगा।
पुण्योत्सव श्रीमद भागवत कथा पूर्णाहुति सत्र में हरिहर सेवा समिति रतलाम समिति अध्यक्ष व आयोजक मोहनलाल भट्ट परिवार के साथ प्रभुप्रेमी संघ, भेरुलाल शर्मा, डॉ. राजेश शर्मा, धनपाल रावत, पुरुषोत्तम पालीवाल, रमेश शर्मा, अरविन्द बघेल आदी ने भागवतजी पोथी पूजन किया। स्वामीजी ने आगामी वर्ष हरिद्वार में मार्च-अप्रैल में होने जा रहे महाकुम्भ में सभी को आमंत्रित करते हुए चिदध्यानम आश्रम कनखल प्रकल्प के बारे में जानकारी दी।