नई दिल्ली (New Delhi)। फाल्गुन अमावस्या के दिन स्नान और दान करने की परंपरा है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को फाल्गुन अमावस्या मनाई जाती है. उदयातिथि के आधार पर फाल्गुन अमावस्या 20 फरवरी को है और इस दिन सोमवार होने से यह सोमवती अमावस्या है. इस दिन तीर्थ में स्नान, सूर्य पूजा, पितरों की पूजा और दान करते हैं. अमावस्या की तिथि पर पीपल के पेड़ को जल देते हैं औ उसके नीचे दीप जलाते हैं. अमावस्या जब सोमवार को होती है तो वह सोमवती अमावस्या होती है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। सोमवती अमावस्या का व्रत विवाहित स्त्रियां अपनी पति की लंबी कामने के लिए रखती है। इस दिन पति की लंबी उम्र के लिए कामना करते हुए महिलाएं व्रत रखती है। ऐसा करने से देवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
फाल्गुन अमावस्या स्नान दान मुहूर्त
इस साल फाल्गुन अमावस्या के दिन आप सूर्योदय से ही स्नान दान कर सकते हैं. उस दिन सुबह 06 बजकर 56 मिनट से सुबह 08 बजकर 20 मिनट तक अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त है. यह समय भी स्नान और दान के लिए अच्छा है.
शक्तिशाली मंत्रों का करें जाप
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् – कहते हैं कि अमावस्या के दिन नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव तेज होता है. जो मनुष्यों पर भी प्रभाव डालती है. ऐसे में अमावस्या के दिन गायत्री मंत्र का जाप करें. ये उपाय आपको मानसिक, शारीरिक ताकत देगा और आर्थिक हानि से बचाएगा.
ऊं नम: शिवाय – सोमवती अमावस्या पर शिव का पंचाक्षरी मंत्र का 108 बार रुद्राक्ष की माला से जाप करने से भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होते हैं. इस मंत्र में इतनी ताकत है कि साधक पर कभी टोने टोटके का असर नहीं होता है और सुख का आगमन होता है. ये मंत्र सृष्टि के पांचों तत्वों को नियंत्रित करने की शक्ति रखता है.
ॐ आपदामपहर्तारम दातारं सर्वसम्पदाम्,लोकाभिरामं श्री रामं भूयो-भूयो नामाम्यहम! श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे, रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नम:! – मान्यता है कि सोमवती अमावस्या की रात ये शक्तिशाली मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के बुरे दिन जल्द टल जाते हैं.
ॐ कुल देवताभ्यो नमः – अमावस्या तिथि के स्वामी पितर देव हैं. सोमवती अमावस्या पर तर्पण करते वक्त इस मंत्र का जाप करें. इससे पूर्वजों को शांति मिलती है और कष्टों का नाश होता है.
अयोध्या मथुरा, माया, काशी कांचीअवन्तिकापुरी, द्वारवती ज्ञेयाः सप्तैता मोक्ष दायिका – सोमवती अमावस्या के दिन स्नान के समय इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है. उसे बैकुंठ लोक प्राप्त होता है.
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदा सिंधु कावेरी जलेस्मिनेसंनिधि कुरू – सोमवती अमावस्या के दिन स्नान के वक्त इस मंत्र का जाप करने से तीर्थ में स्नान करने के समान पुण्य मिलता है. पाप भी धुल जाते हैं
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य से पेश की गई है हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते हैं.
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