नई दिल्ली (New Delhi) । ज्येष्ठ माह (jyeshth maah) के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi ) के नाम से जाना जाता है। निर्जला एकादशी का महत्व (Importance) सभी एकादशी में सबसे अधिक होता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय होती है। इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा- अर्चना की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है। निर्जला एकादशी 31 मई 2023 को है. मान्यता है इस दिन मंत्रों से विष्णु जी की पूजा करने से किस्मत के द्वार खुल जाते हैं. भाग्य में वृद्धि होती है और व्रत-पूजा का पूर्ण फल मिलता है.
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।। – विष्णु जी का ये दुर्लभ मंत्र बहुत प्रभावशाली माना जाता है. निर्जला एकादशी पर श्रीहरि को पीतांबरी चढ़ाएं और फिर 108 बार मंत्र का जाप करें. हर मंत्र के बाद थाली में एक पीला फूल अर्पित करते जाएं
ॐ आं संकर्षणाय नम: – निर्जला एकादशी पर केसर में थोड़ा जल डालकर एक थाली में इस मंत्र को लिखें. फिर इसे विष्णु जी के समक्ष रखकर 108 बार इस मंत्र का जाप करें. मान्यता है इससे धन प्राप्ति के रास्ते खुल जाते हैं.
मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे। अग्रत: शिवरूपाय वृक्षराजाय ते नम:।। आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम्। देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:।। – निर्जला एकादशी के दिन पीपल के पेड़ में कच्चा दूध और जल डालते हुए ये मंत्र बोलें, मान्यता है इससे लक्ष्मी की कभी कमी नहीं होती.
महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते – निर्जला एकादशी की शाम तुलसी में घी का दीपक लगाएं और 11 परिक्रमा लगाते हुए ये मंत्र बोलें. सौभाग्य में वृद्धि के लिए ये मंत्र बहुत शक्तिशाली माना जाता है.
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम: – निर्जला एकादशी पर विष्णुजी को तुलसी की माला अर्पित करें और इस मंत्र का एक माला जाप करें. मान्यता है इससे दीर्धायु का वरदान मिलता है.
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के आधार पर पेश की गई है हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved