चंडीगढ़. पंजाब में बीते 3 महीनों से चल रहे राजनीतिक उठापठक का सोमवार को लगभग पटाक्षेप हो गया. कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली वहीं सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Randhawa) और ओपी सोनी ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. कार्यक्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और हरीश रावत भी मौजूद थे.
मिली जानकारी के अनुसार कार्यक्रम में 40 लोगों को आमंत्रित किया गया था. पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में चन्नी को शपथ दिलाई. चन्नी और उनके दोनों डिप्टी ने पंजाबी में शपथ ली. बता दें चन्नी राज्य में सीएम पद संभालने वाले पहले दलित हैं. शपथ ग्रहण के बाद राहुल और सिद्धू ने चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का नया सीएम बनने पर बधाई दी.
58 वर्षीय चन्नी के पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने से महज आधे घंटे पहले ओपी सोनी का नाम सामने आया. इससे पहले ब्रह्म मोहिंद्रा के बारे में दावा किया जा रहा था कि वह चन्नी के साथ शपथ लेंगे. कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफा देने के बाद शनिवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विधायकों ने सर्वसम्मति से पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को नया नेता चुनने के सारे अधिकार सौंप दिए थे.
कांग्रेस ने खेला बड़ा दांव
पंजाब में 34 प्रतिशत से अधिक दलित समुदाय के पास वोट बैंक और 34 आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र हैं. भाजपा अगले चुनाव में एक दलित व्यक्ति को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने की घोषणा पहले ही कर चुकी है और शिरोमणि अकाली दल ने भी बहुजन समाज पार्टी के साथ राजनीतिक गठबंधन करके एक दलित को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है.
कांग्रेस पार्टी ने चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री घोषित कर विपक्षी दलों को सियासी झटका देने की कोशिश की है. शुक्रवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस ने कई नामों पर चर्चा की. आखिर में फैसला चन्नी पर हुआ. माना जा रहा है कि चन्नी को सीएम बनाने के लिए सिद्धू ने दिल्ली में जमकर पैरवी की थी.
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