इन्दौर। हल्ला गाडिय़ों (Halla vehicles) में एक बार फिर बदलाव (replacement) किया जा रहा है, क्योंकि कई बाक्स में गीला-सूखा (wet-dry) कचरा (garbage) मिक्स होने पर तमाम परेशानियां आ रही थीं। शिकायतों के बाद इसकी डिजाइनिंग (designing) फाइनल कर ली गई है। आने वाले दिनों में इस पर काम शुरू होना है। कुछ नए बाक्स भी बनाए जाने की तैयारी है। सेनेटरी वेस्ट के लिए निगम (Miuncipal) ने अस्थायी तौर पर कुछ बाक्स गाडिय़ों के पीछे लगा दिए थे, जिन्हें हटाकर व्यवस्थित बनाया जाएगा।
नगर निगम (municipal corporation )ने सबसे पहले दौर में हल्ला गाडिय़ों की शुरुआत की तो उस दौरान सिर्फ दो ही बाक्स बनाए गए थे, जिनमें गीला-सूखा कचरा अलग-अलग लिया जाता था। धीरे-धीरे हल्ला गाडिय़ों में और बदलाव किया गया और दो की जगह पांच बाक्स बनाए गए। गीला-सूखा कचरा, सेनेटरी वेस्ट के साथ-साथ प्लास्टिक और ट्यूबलाइट के कचरे के लिए बाक्स बनाए गए थे, लेकिन अब हल्ला गाडिय़ों में आ रही दिक्कतों की शिकायतें निगमायुक्त प्रतिभा पाल को की गईं। बताते हैं कि गीला-सूखा (wet-dry) कचरा (garbage) हल्ला गाडिय़ों में मिक्स हो रहा था और गीले कचरे के पानी के कारण कचरा छंटाई से लेकर ट्रांसफर स्टेशनों पर भी दिक्कतें आ रही थीं। कचरे से खाद बनाने वाली एजेंसियों ने इस मामले में पूर्व में भी शिकायतें की थीं।
अब पानी निकासी की रहेगी व्यवस्था
वर्कशॉप विभाग के अधिकारियों के मुताबिक हल्ला गाडिय़ों में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए डिजाइन फाइनल की गई है। अब कोशिश की जा रही है कि गीले कचरे के लिए बनाए जाने वाले बाक्स में पानी निकासी की व्यवस्था भी रहेगी, ताकि अगर घर-घर से कचरा लिया जाता है तो उसका पानी एक जगह जमा नहीं होगा और उसकी निकासी रहने से दिक्कतें दूर हो जाएंगी। सभी 550 से ज्यादा हल्ला गाडिय़ों में यह बदलाव किया जाएगा।
कई प्रयोग हो चुके हैं वर्कशॉप में
नगर निगम का वर्कशॉप विभाग कभी लापरवाहियों के लिए जाना जाता था, लेकिन अब विभाग का कामकाज न केवल सुधरा है, बल्कि वहां ऐसे प्रयोग हुए हैं, जिससे अधिकारी भी हैरत में रह गए थे। कई पुरानी खटारा जीपों को नई जीपों में तब्दील करने से लेकर पोकलेन में अतिरिक्त पाट्र्स लगाकर उसे कई मंजिल तक तोडफ़ोड़ के लिए तैयार करने का मामला भी सुर्खियों में रहा है। अब हल्ला गाडिय़ों में बदलाव का भी काम शुरू होने जा रहा है।
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