नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की तदर्थ समिति ने बुधवार को भारतीय कुश्ती संघ (Wrestling Federation of India) के चुनावों को पांच दिन के लिए आगे बढ़ा दिया है। अब छह जुलाई को चुनाव का आयोजन नहीं होगा। तदर्थ समिति ने बताया कि 11 जुलाई को चुनाव होंगे। दरअसल, पांच असंबद्ध राज्य निकायों ने चुनावों के लिए मतदान के अधिकार की मांग करते हुए सुनवाई में अपना मामला पेश किया। इस कारण तदर्थ समिति को यह फैसला करना पड़ा।
तीन सदस्यीय समिति से महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश (Maharashtra, Haryana, Telangana, Rajasthan and Himachal Pradesh) में असंबद्ध राज्य निकायों द्वारा संपर्क किया गया था। इस समिति में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एमएम कुमार शामिल हैं। समिति ने इन इकाइयों को आज सुनवाई के लिए बुलाया था।
मीडिया से एक सूत्र ने कहा, “राज्य इकाइयों ने अपना मामला पेश किया, जबकि भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रतिनिधियों ने इन निकायों की संबद्धता रद्द करने के अपने फैसले का बचाव किया। पैनल को निर्णय लेने और आदेश तैयार करने के लिए समय चाहिए, इसलिए चुनाव 11 जुलाई तक के लिए टाल दिए गए हैं।”
शीर्ष पहलवानों ने किया था प्रदर्शन
भारत के शीर्ष पहलवानों (top wrestlers) ने काफी दिनों तक कुश्ती संघ के चुनाव के लिए और अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों को हटाने के खिलाफ लगातार प्रदर्शन किया। पहलवानों ने बृजभूषण शरण सहित टीम के कुछ कोच पर यौन शोषण का आरोप लगाए थे।
18 जनवरी को पहली बार धरने पर बैठे थे पहलवान
देश के शीर्ष पहलवान 138 दिन से बृजभूषण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे। 18 जनवरी को पहली बार पहलवान धरने पर बैठे थे और 23 अप्रैल को दूसरी बार धरना शुरू किया। इसके बाद पहलवानों ने मौसम की मार झेली, पुलिस के साथ झड़प हुई। पहलवानों के खिलाफ एफआईआर भी हुई, लेकिन विरोध प्रदर्शन जारी रहा। हालांकि, पहलवानों और गृहमंत्री अमित शाह के बीच मुलाकात के बाद कहानी बदल गई और पहलवान काम पर लौट गए। उसके बाद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई और कुछ मामलों पर सहमति बनी। फिर पहलवानों ने 15 जून तक धरना-प्रदर्शन नहीं करने की बात मान ली। उसके बाद से मामला शांत है।
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