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बदल गया देश में महिला-पुरुषों के वजन का पैमाना, अब इतने किलो वाले भी हैं बिल्कुल फिट

September 29, 2020

हैदराबाद। हर दशक में दुनियाभर में चीजें बदलती रही हैं। खान-पान से लेकर पहनावे तक। भारत भी इन बदलावों से अछूता नहीं रहा है। यहां भी तमाम चीजें बदली हैं और अब नया बदलाव भारतीय महिला और पुरुषों के वजन और ऊंचाई को लेकर है। दरअसल, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन ने वजन के पैमाने में 5 किलो और जोड़ा है। 65 किलो वाले पुरुष, 55 किलो वाली महिलाएं बिल्कुल फिट होंगे। यानी देश के लोगों का बॉडी मास इंडेक्स अब बदल गया है।

महिलाओं और पुरुषों का 5 किलो बढ़ा वजन
2010 में भारतीय पुरुषों का औसत वजन जहां 60 किलोग्राम था वहीं 2020 में इसे बढ़ाकर 65 किलोग्राम कर दिया गया है। एक दशक पहले जहां महिलाओं का औसत वजन 50 किलोग्राम था उसे अब बढ़ाकर 55 किलोग्राम कर दिया गया है। यानी आदर्श स्थिति में भारतीय महिलाओं और पुरुषों का वजन अब 5-5 किलोग्राम बढ़ गए हैं।

एक दशक में औसत ऊंचाई भी बढ़ गई
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन ने न केवल भारतीय महिलाओं और पुरुषों के वजन में बढ़ोतरी की है बल्कि ऊंचाई को भी बढ़ा दिया है। एक दशक पहले भारतीय पुरुषों की ऊंचाई 5 फीट 6 इंच थी वहीं महिलाओं की हाइट 5 फीट थी। लेकिन 2020 में महिलाओं और पुरुषों की हाइट भी बढ़ाई गई है। नए रेफरेंस के तहत अब भारतीय पुरुषों की ऊंचाई बढ़कर 5 फीट 8 इंच कर दी गई है जबकि महिलाओं की हाइट बढ़ाकर 5 फीट 3 इंच कर दी गई है। एक दशक पहले का बॉडी मास इंडेक्स अब बदल चुका है। दरअसल, BMI एक लोकप्रिय टर्म है जिसके जरिए ये पता लगाया जाता है कि किसी शख्स के शरीर के हिसाब से उसका वजन और ऊंचाई कितनी होनी चाहिए। अगर BMI निर्धारित मानक से अधिक होता है तो वह शरीर के लिए सही नहीं होता है।

इसलिए बढ़ाया गया BMI
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन के वैज्ञानिकों ने बताया कि भारतीय लोगों के BMI में बदलाव इसलिए किया गया है क्योंकि देश के लोगों में पोषक खाद्य पदार्थों के सेवन में बढ़ोतरी हुई है। इस साल के डेटा में ग्रामीण इलाकों को भी शामिल किया गया है। 10 पहले किए गए अध्ययन में केवल शहरी इलाकों को शामिल गया गया था।

रेफरेंस एज में भी किया गया बदलाव
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन ने सोमवार को जारी अपनी 2020 रिपोर्ट में भारतीयों के लिए पोषण आहार और अनुमानित औसत आवश्यकता (ईएआर) की सिफारिशों को भी संशोधित कर दिया है। देश के महिलाओं और पुरुषों के रेफरेंस एज को भी बदला गया है और इसे 2010 के 20-39 की जगह अब 19-39 कर दिया गया है। वैज्ञानिकों ने बताया कि 1989 की विशेषज्ञ कमिटी ने केवल बच्चों और किशोरों का ही वजन और हाइट शामिल किया था। 2010 की दूसरी विशेषज्ञ कमिटी ने केवल 10 राज्यों के नमूने ही लिए थे। दोनों कमिटी पुरुषों के रेफरेंस वजन 60 किलो माना और महिलाओं में 50 किलो।

2020 में किया गया बड़ा सर्वे
2020 में विशेषज्ञों के पैनल ने पूरे देश से डेटा लिया और इसमें तमाम संस्थानों के किए गए अध्ययन को ध्यान में रखा गया। पहली बार ICMR एक्सपर्ट कमिटी ने फाइबर आधारित एनर्जी पोषक तत्व का भी ध्यान रखा।

 

 

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