106 ड्रग तस्करों पर निगरानी, मासूम बच्ची के हत्यारे की पैरोल और मुलाकात पर रोक
इन्दौर। सेंट्रल जेल (Central Jail) में विभिन्न अपराधों में बंद बंदियों पर जेल प्रशासन (Jail Adminstration) ने शिकंजा कसते हुए 200 से ज्यादा कैदियों के बैरक बदल डाले हैं। जेल में बंद 106 ऐसे बड़े ड्रग्स तस्करों की निगरानी खोली है। पिछले दिनों जेल में खंडवा के जिस दुष्कर्मी की पिटाई की गई थी, उसकी और एक अन्य कैदी की मुलाकात और पैरोल पर रोक लगा दी गई है।
उधर खंडवा (Khandwa) के जिस बबलू पिता मनोहर के कब्जे से तंबाकू की पुडिय़ा और 9000 रुपए से अधिक की राशि, जो उसने जमीन में छुपा रखी थी, बरामद की थी। इसी के साथी तेजप्रकाश पिता शंकर से भी तंबाकू जब्त की थी। इनके खिलाफ जेल अधिनियम के तहत मामला दर्ज करते हुए। उनकी मुलाकात और पैरोल पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा 200 से ज्यादा कैदियों के बैरक बदले गए हैं। जिनमें कई रसूखदार भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि डबल कारावास की सजा से दंडित बबलू ने एक मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था और बाद में बच्ची तथा उसकी मां की हत्या कर दी थी। बदमाश का जेल में इतना खौफ है कि उसी से अफसर भी बात नहीं करते। चक्कर अधिकारी संतोष लडिय़ां ने बताया कि हाल ही में भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने एक परिपत्र जारी किया है, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि ड्रग तस्करी के मामले में पकड़े जाने वाले बंदियों को सबजेलों में ना रखा जाए
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