भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि विकास यात्रा (Journey of development), जन-कल्याण का महायज्ञ बने, इस उद्देश्य से जिलों में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा यात्रा की आवश्यक तैयारियाँ पूरी की जाएँ। विकास यात्रा के समय दिव्यांग कल्याण, नामांतरण और अन्य कार्यों के साथ ही विद्यार्थियों को जाति प्रमाण-पत्र देने के कार्य की भी शुरूआत की जाए। लाड़ली बहना योजना (Ladli Behna Scheme) के लिए आवश्यक जमीनी तैयारी की जाए। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की टीम परस्पर समन्वय और प्रत्येक क्षण का उपयोग करते हुए प्रदेश की जनता की जिंदगी बदल कर दिखाए।
मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को कॉन्फ्रेंस के द्वितीय सत्र में कलेक्टर-कमिश्नर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, जिला पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक को संबोधित कर ये निर्देश दिए। कॉन्फ्रेंस में राज्य मंत्रि-परिषद के सदस्य, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस में आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से प्राप्त सुझावों का अध्ययन कर आवश्यक कदम भी उठाए जाएंगे। उज्जैन, इंदौर और भोपाल पुलिस ने नवाचारों के प्रेजेंटेशन दिए।
यूनिक बना दें विकास यात्राओं को
उन्होंने कहा कि जनता को बेहतर सेवाएँ देने के लिए और जनता की जिंदगी बदल कर दिखाने का दायित्व प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों का है। आगामी 5 फरवरी से प्रारंभ हो रही विकास यात्राएँ विशिष्ट बन जाएँ। इन्हें यूनिक बनाने के लिए अधिकारी-कर्मचारी पूरे प्रयत्न करें। जन-कल्याण के कार्यों के लिए विकास यात्रा महत्वपूर्ण माध्यम बनेगी। मंत्रालय में हुई 2 दिन की यह कॉन्फ्रेंस विचार-विमर्श की दृष्टि से महत्वपूर्ण रही है। जिलों में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों का परस्पर समन्वय भी बहुत अच्छा होना चाहिए। मंत्रियों के साथ जिलों में एक सशक्त टीम कार्य करे। जिलों में योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए पृथक बैठक की जाए। विकास यात्रा के समापन के बाद यह बैठक की जा सकती है। इस बैठक में अनेक आइडिया आएंगे और महत्वपूर्ण विषय चर्चा से ही निकलते हैं। यह जिले के संपूर्ण विकास की बैठक होना चाहिए, जिसमें लाड़ली लक्ष्मी योजना, कन्या विवाह योजना, कृषि योजनाओं, खाद्य प्र-संस्करण, निवेश संवर्धन और एक जिला-एक उत्पाद योजना को सशक्त बनाने पर चर्चा हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास यात्रा को विशिष्ट बनाने के लिए अधिकारी आवश्यक तैयारी करें। यात्रा के रूट के निर्धारण के साथ जिला प्रभारी मंत्री द्वारा बैठक जाए। लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम की रूपरेखा तय करें। जन-सेवा अभियान के हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लिए सभी आवश्यक प्रयास हों। ऐसा प्रयास करें कि यह यात्रा विकास और जन-कल्याण का महायज्ञ सिद्ध हो।
23 मार्च को रखेंगे रिपोर्ट कार्ड
उन्होंने कहा कि आगामी 23 मार्च को वर्तमान सरकार के कार्यकाल के तीन वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। इस अवधि में कोरोना महामारी के बाद भी विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। तीन वर्ष का रिपोर्ट कार्ड आमजनता के सामने रखा जाएगा। इसके पूर्व कलेक्टर्स द्वारा मुख्यमंत्री की घोषणाओं को पूर्ण किए जाने के कार्य पूरे किए जाएँ। जीरो टारलेंस के आधार पर आमजन के सभी कार्य बिना किसी अनियमितता और लापरवाही के पूर्ण होना चाहिए। मीडिया और अन्य माध्यमों से योजनाओं के मामले में प्राप्त फीडबैक के अनुरूप निराकरण की कार्यवाही की जाए। यदि असत्य खबर सामने आती है तो उसका प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा खण्डन किया जाए। आलोचना वास्तविक है तो दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाए। सोशल मीडिया पर भी सही तथ्य और सही बात सामने लाने का कार्य किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कलेक्टर्स जनता का सहयोग लेकर महत्वपूर्ण अभियानों का संचालन करें। आँगनवाड़ी केन्द्र, स्कूल और छात्रावासों को बहुउद्देशीय बनाया जाए। ग्राम में शांति और विवाद निराकरण समिति से पेसा क्षेत्र में आवश्यक कार्य पूर्ण किए जाए। आज उज्जैन, इंदौर और भोपाल पुलिस द्वारा नवाचारों के प्रस्तुत प्रजेंटेशन प्रशंसनीय हैं। भोपाल पुलिस आयुक्त कार्यालय द्वारा पुलिसकर्मियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्रारंभ किया नई परेड का प्रयोग सराहनीय है। यह अन्य विभागों के शासकीय सेवकों के लिए भी उपयोगी है। पुलिसकर्मी की फिटनेस बनी रहे और वे चिंता, क्रोध और अवसाद जैसी प्रवृत्तियों से बच कर बेहतर सेवाएँ दें, यह बहुत आवश्यक है। “नई परेड” ठीक है तो सभी परेड ठीक होंगी।
उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मैत्रीपूर्ण और पारिवारिक वातावरण के बीच कार्य करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अक्सर कलेक्टर और एसपी की मित्रता देखने को मिलती है। वास्तव में ऐसा होने से समाधान के मार्ग निकलते हैं। जिलों में सद्भाव का वातावरण होना चाहिए। जिला स्तर पर कोर टीम हो जो क्रियान्वित योजनाओं की समीक्षा करे और लागू होने वाले कल्याणकारी कार्यक्रमों के बारे में गंभीरता से विचार करे। यह एक्सरसाइज आमजन के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा जिस तरह यह राज्य स्तरीय बैठक हुई है, प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में जिलों में विकास संबंधी ऐसी बैठक उपयोगी रहेगी।
छात्रावास में रहने वाले छात्र-छात्राओं को आत्मीय वातावरण मिले मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों में विभिन्न छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों को हम सभी के स्नेह की आवश्यकता भी होती है। उन्हें आवश्यक सुविधाओं के साथ आत्मीयता का वातावरण उपलब्ध करवाएँ। छात्रावास के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को दायित्व देकर व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया जाए। प्रदेश में सिंधी और बंगाली विस्थापित नागरिकों की पट्टों की समस्याओं का निराकरण किया जाए। साथ ही मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना और शहरी आवास योजना के हितग्राहियों को लाभ पहुँचाते हुए अवैध कॉलोनियों के लिए अधो-संरचना विकास के कार्य किए जाएँ। जल जीवन मिशन, सीएम राइज विद्यालय, संबल-2, तीर्थ-दर्शन, कन्या विवाह योजना, सुचारु बिजली आपूर्ति, दबंगों से मुक्त कराई गई प्रदेश की 23 हजार एकड़ भूमि में निर्धन तबके को बसाने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए। प्राकृतिक कृषि के इच्छुक किसानों को आवश्यक मार्गदर्शन और सहायता दी जाए। प्रदेश में नशा मुक्ति अभियान के संचालन और कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर बनाए रखने के लिए राष्ट्र विरोधी तत्वों को चिन्हित कर अंकुश की प्रभावी कार्रवाई करें।
किसानों के लिए राशि, विकास यात्राएँ और संत रविदास महाकुंभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सप्ताह तीन महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं। आगामी 3 फरवरी को विदिशा से किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि अंतरित करने संत रविदास जयंती पर 5 फरवरी से पूरे प्रदेश में विकास यात्रा के शुभारंभ और 8 फरवरी को सागर में संत रविदास महाकुंभ के लिए आवश्यक तैयारियाँ की जा रही हैं। प्रदेश में करीब एक लाख 14 हजार रिक्त सरकारी पदों पर भर्ती का कार्य चल रहा है। साथ ही ढाई लाख लोगों को रोजगार देने, बैगा, सहरिया और भारिया विशेष पिछड़ी जनजाति को राशि प्रदान करने, विभिन्न संवर्ग में कार्यरत ऐसे कर्मचारियों, जिन्हें मानदेय देने की व्यवस्था है, समय पर दिया जाए। मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में यात्रियों की विदाई और अगवानी के कार्यक्रम भी गरिमा मय रहें। प्रत्येक विकासखंड में कन्या विवाह योजना कार्यक्रम की रूपरेखा भी बनाई जाए। (एजेंसी, हि.स.)
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