ज्योतिष शास्त्र अनुसार शनि (Shani) लगभग ढाई साल बाद अपनी राशि बलकर करते हैं। यही कारण है कि सभी ग्रहों (planets) में इनकी चाल सबसे धीमी मानी जाती है। इसलिए शनि (Shani) का प्रभाव किसी भी व्यक्ति के जीवन पर लंबे समय तक रहता है।
बता दें कि इस समय न्याय के देवता यानि शनि अपनी स्वराशि मकर में गोचर कर रहे हैं। मकर समेत धनु और कुंभ वालों पर शनि साढ़े साती चल रही है वहीं मिथुन और तुला जातकों पर शनि ढैय्या समाप्त हो जाएगी।
हालांकि इस राशि परिवर्तन के अलावा भी शनि की स्थिति में एक बार और बदलाव होगा जो कि धनु, मिथुन और तुला राशियों के लिए महादशा खत्म होने के बाद भी भारी साबित होगा।
ज्योतिषों के अनुसार 12 जुलाई 2022 से शनि 17 जनवरी 2023 तक शनि वक्री चाल चलेंगे. यह चाल ही इन तीनों राशियों पर नकारात्मक असर डालेगी। इसके अलावा उस समय शनि की साढ़े साती और ढैय्या झेल रहीं मकर, कुंभ, तुला, मिथुन और धनु राशियों पर तो इसका असर रहेगा ही। कुल मिलाकर ये आठों राशियां साल 2022 में शनि का प्रकोप झेलेंगी। वहीं मेष, वृषभ, सिंह और कन्या राशि के जातक शनि के बुरे असर से बचे रहेंगे।
ये जातक आ जाएंगे शनि की चपेट में:
शनि 29 अप्रैल 2022 में कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। जिससे मीन राशि वाले शनि साढ़े साती की चपेट में आ जायेंगे। तो वहीं कर्क और वृश्चिक वाले शनि ढैय्या की चपेट में आयेंगे। इन तीन राशि वालों को शनि दशा के दौरान बेहद ही सतर्क रहना होगा।
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