जम्मू। घाटी में हालिया टारगेट किलिंग की घटनाओं के बाद सुरक्षा रणनीति में बदलाव किया गया है। अब सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों, अल्पसंख्यकों और अन्य लोगों को श्रीनगर के होटलों में ठहराने के बजाय संबंधित जिले में ही भारी सुरक्षा इंतजाम के साथ आवासीय सुविधा मिलेगी। श्रीनगर के 14 होटलों में ऐसे लोगों को ठहराया जाता रहा है। सरकार ने होटल के कमरों को किराये पर ले रखा था।
सूत्रों ने बताया कि टारगेट किलिंग की घटनाओं के बाद प्रशासन ने कश्मीर के सभी दस जिलों के डीसी व एसएसपी के साथ सुरक्षा स्थिति की समीक्षा कर रणनीति में बदलाव किया है। सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों, पंचायती राज संस्थानों, राजनीतिक पार्टियों के नेताओं, अल्पसंख्यकों, विस्थापित कर्मचारियों को सुरक्षा देने के साथ ही विस्थापित कर्मचारी संघ व गैर कश्मीरी अल्पसंख्यकों के साथ नियमित तौर पर बैठकें करने का फैसला किया गया है।
श्रीनगर में किराए पर लिए गए सभी 14 होटलों को खाली करने के साथ ही संबंधित जिलों में सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों को पूरी सुरक्षा के साथ रखने का फैसला किया गया। यदि कोई सुरक्षा या सुरक्षित आवासीय सुविधा लेने से इनकार करता है तो उनके लिए जिला प्रशासन सुरक्षित आवासीय सुविधा का विकल्प तलाशेगा। जिलों में सरकारी भवनों से कब्जे हटाकर सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों को दिया जाएगा।
सभी जिलों में चिह्नित होंगे गैर कश्मीरी मजदूर
सभी जिलों में गैर कश्मीरी मजदूरों को चिह्नित किया जाएगा। इन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के साथ ही सुरक्षा का भाव बनाने के लिए नियमित संवाद किया जाएगा। इन्हें एक स्थान पर रखने व सुरक्षा मुहैया कराने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी।
राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलकर करें विश्वास बहाली
राजनीतिक दलों के नुमाइंदों से जल्द से जल्द मुलाकात कर संबंधित डीसी व एसएसपी उनकी सुरक्षा, आवासीय सुविधा और अन्य प्रकार की समस्याओं का निवारण करेंगे। कहा गया है कि विश्वास बहाली के कदम के तहत पार्टियों के जनप्रतिनिधियों और नेताओं की शिकायतें गंभीरता से सुनीं जाएं।
घाटी न छोड़ें विस्थापित कर्मी, गैरहाजिरी पर होगी कार्रवाई
घाटी में कार्यरत विस्थापित कर्मचारियों से कश्मीर न छोड़ने को कहा गया है। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि यदि कोई कर्मचारी अनुपस्थित रहता है तो उसके खिलाफ सेवा नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। विस्थापित कर्मचारियों के साथ ही सिख कर्मचारियों को भी पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने को कहा गया है।
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