भोपाल। प्रेमिका की हत्या के आरोप में पिछले 13 साल से भोपाल केंद्रीय जेल में कैद चंद्रेश मर्सकोले की रिहाई सोमवार शाम सात बजे करीब जेल से हुई। इस दौरान वह मीडिया से मुखातिब हुए। उनसे पूर्व आईजी शैलेंद्र श्रीवास्तव और डाक्टर हेमंत वर्मा की भुमिका के संबंध में सवाल किए गए। इन सवालों को वह खामोश रहकर टाल गए। हालांकि उन्होंने अलफाज़ में बहुत कुछ कहा। उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई को जारी रखूंगा। हक की लड़ाई जारी रखूंगा।
करियर बनाने के अहम 13 साल बर्बाद कर हो गए
चंद्रेश मर्सकोले ने बताया कि, मेरे 13 साल का समय इस हत्या के कारण जेल में बर्बाद हो गया। मैं न्यायालय के आदेश का स्वागत करता हूं। अब मैं अपनी मेडिकल की पूरी पढ़ाई करूंगा। अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है, अभी बहुत मेहनत करना है। जिंदगी चुनौती को स्वीकार कर चुका हूं। जेल में भी मैं मेडिकल के काम किया करता था। मेडिकल की पुस्तकें भी मैंने काफ ी पढ़ी हैं। 13 साल में बहुत सघन और संघर्ष किया, उसके बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है। जेल में इतने साल रहकर बहुत कु छ सीखा है, लोगों को संयम रखना चाहिए। अगर अपने कुछ गलत नहीं किया तो भगवान आपके साथ है, वह आपके साथ कु छ भी गलत नहीं होने देगा।
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