नई दिल्ली । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) के अध्यक्ष वी. नारायणन(Chairman V. Narayanan) ने बड़ी खुशखबरी दी है। उन्होंने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार (Central government)ने चंद्रमा का अध्ययन (Study of the Moon)करने के लिए महत्वाकांक्षी ‘चंद्रयान-5 मिशन’(‘Chandrayaan-5 Mission’) को हाल ही में मंजूरी (Approval)दे दी है। बेंगलुरु मुख्यालय वाले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने पर उन्हें सम्मानित करने के लिए समारोह आयोजित किया गया। इसमें नारायणन ने कहा कि ‘चंद्रयान-5 मिशन’ के तहत चंद्रमा की सतह का अध्ययन करने के लिए 250 किलोग्राम का रोवर भेजा जाएगा जबकि चंद्रयान-3 मिशन में 25 किलोग्राम का रोवर प्रज्ञान ले जाया गया था।
चंद्रयान मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह का अध्ययन करना है। इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया, जिसके लैंडर विक्रम ने 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की। नारायणन ने कहा, ‘बस तीन दिन पहले ही हमें चंद्रयान-5 मिशन के लिए मंजूरी मिली है। हम इसे जापान के सहयोग से करेंगे।’ चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा से एकत्रित नमूनों को लाना है। ऐसी संभावना है कि चंद्रयान-4 को साल 2027 में प्रक्षेपित किया जाएगा।
32-बिट माइक्रोप्रोसेसर विकसित
दूसरी ओर, इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र और सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला (SCL) ने संयुक्त रूप से अंतरिक्ष प्रयोगों के लिए 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर (विक्रम 3201 और कल्पना 3201) विकसित किए हैं। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने यह जानकारी दी। विक्रम 3201 पहला पूर्णतः भारत में निर्मित 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर है जो प्रक्षेपण यानों की कठोर पर्यावरणीय परिस्थितियों में उपयोग के लिए योग्य है। प्रोसेसर को एससीएल के 180एनएम (नैनोमीटर) सीएमओएस (पूरक धातु-ऑक्साइड-अर्धचालक) सेमीकंडक्टर फैब में निर्मित किया गया है।
इसरो ने बयान में कहा कि यह प्रोसेसर स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए 16-बिट विक्रम 1601 माइक्रोप्रोसेसर का वैरिएंट है, जो 2009 से इसरो के प्रक्षेपण यानों की एवियोनिक्स प्रणाली में काम कर रहा है। एससीएल में उन्नत 180एनएम सेमीकंडक्टर बनाने के बाद 2016 में विक्रम 1601 प्रोसेसर का ‘मेक-इन-इंडिया’ संस्करण शामिल किया गया था।
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