नई दिल्ली । इसरो (ISRO) ने ट्वीट किया, चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (Mission Operations Complex) ऊर्जा और उत्साह से भरा हुआ है (Full of Energy and Excitement) । चंद्रयान-3 मिशन तय समय पर है। सिस्टम की नियमित जांच हो रही है। सुचारू रूप से आगे बढ़ना जारी है। करीब 600 करोड़ रुपये की लागत वाले भारत के तीसरे चंद्र मिशन का मुख्य उद्देश्य लैंडर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर धीरे से उतारना है।
चंद्रयान-3 मिशन पर इसरो ने 19 अगस्त, 2023 को लगभग 70 किमी की ऊंचाई से लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (एलपीडीसी) द्वारा ली गई चंद्रमा की तस्वीरें ट्वीट कीं। एलपीडीसी छवियां लैंडर मॉड्यूल को एक के साथ मिलान करके उसकी स्थिति (अक्षांश और देशांतर) निर्धारित करने में सहायता करती हैं।
चंद्रयान-2 मिशन इसी चरण में विफल हो गया था जब ‘विक्रम’ नामक लैंडर चंद्रमा पर सॉफ्टलैंडिंग करने की बजाय क्रैश लैंड कर गया था। इसरो के मुताबिक, लैंडर के 23 अगस्त को शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने की उम्मीद है। लैंडर चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किमी की ऊंचाई से चंद्रमा पर उतरेगा।
सॉफ्ट लैंडिंग के बाद, छह पहियों वाला रोवर बाहर निकलेगा और एक चंद्र दिवस की अवधि के लिए चंद्रमा की सतह पर प्रयोग करेगा जो पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है। चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को एलवीएम3 रॉकेट से पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया था। अंतरिक्ष यान 1 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा छोड़कर चंद्रमा की लंबी यात्रा पर निकल गया था।
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