नई दिल्ली (New Dehli)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO के प्रमुख एस सोमनाथ (Chief S Somnath)ने एक बार फिर ऐतिहासिक (historical)चंद्रयान-3 मिशन पर बात की है। उन्होंने रविवार को कहा कि चंद्रयान-3 मिशन(Chandrayaan-3 mission) की सफलता (Success)लोगों के दिलों से जुड़ी हुई है और चंद्रमा की सतह पर इसका सफलतापूर्वक उतरना भारतीयों के लिए गौरव का क्षण है।
उन्होंने कहा कि चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बनना और चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सबसे पहले पहुंचना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 ने युवाओं, बच्चों और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का अध्ययन करने वाले लोगों के मन में एक भावनात्मक उत्साह पैदा किया। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन के कारण पूरे देश को अपनी उपलब्धि दिखा सके। केंद्र ने पिछले साल 23 अगस्त को हासिल की गई इस उपलब्धि को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ अधिसूचित किया है।
2025 में मानवयुक्त अंतरिक्ष और गहरे महासागर मिशन का शुभारंभ: जितेंद्र सिंह
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि भारत 2025 में अपना पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष और गहरे महासागर मिशन का शुभारंभ करेगा। उन्होंने कहा कि गगनयान का अंतिम प्रक्षेपण 2025 में होगा। यह साल बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि परीक्षण उड़ानें पूरी हो जाएंगी। किसी इंसान को अंतरिक्ष में भेजना बहुत महत्वपूर्ण और रोमांचक है लेकिन इंसान को सुरक्षित वापस लाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
भाजपा की एक बैठक से इतर पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि सबसे पहले एक परीक्षण उड़ान को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इस उड़ान में एक महिला रोबोट होगी, जिसका नाम व्योममित्रा होगा। वह सभी गतिविधियां करेगी जो अंततः मानव अंतरिक्ष यात्री करते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2025 में भारतीय गोताखोर समुद्र की सबसे निचली गहराई तक जाएगा। इस खोज से खनिजों, धातुओं, जैव विविधता और वहां मौजूद संपूर्ण संपदा पर आधारित एक नीली अर्थव्यवस्था खुलेगी। उन्होंने कहा कि हमारे पास 7,500 किलोमीटर लंबा तट है, जो किसी भी अन्य देश की तुलना में लंबा है। नीली अर्थव्यवस्था 2025 में देश की समग्र अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा देगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved