मुम्बई। महाराष्ट्र (Maharashtra) के मंत्री और भाजपा के सीनियर नेता चंद्रकांत पाटिल (Senior BJP leader Chandrakant Patil) शनिवार को ‘फेस शील्ड’ (‘face shield’) पहने नजर आए। वह पुणे के पिंपरी चिंचवाड़ में एक समारोह में शामिल होने आए थे, जहां उन्हें ‘फेस शील्ड’ पहने हुए देखा गया। दरअसल, कुछ दिनों पहले ही पाटिल के ऊपर स्याही फेंकी (ink thrown at patil) गई थी। बीजेपी लीडर पर दोबारा स्याही फेंकने की धमकी भी दी गई है। पुलिस ने धमकी देने के आरोप में 2 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ यह कार्रवाई एक सोशल मीडिया मैसेज के आधार पर की गई। चंद्रकांत पाटिल पर उनके उस बयान को लेकर हाल में स्याही फेंकी गई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘समाज सुधारक बाबासाहेब आंबेडकर और ज्योतिबा फुले ने शैक्षणिक संस्थानों को चलाने के लिए सरकारी अनुदान पर निर्भर रहने के बजाय धन के लिए भीख मांगी थी।’
पुलिस अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी विकास लोले और दशरथ पाटिल के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। सांगवी पुलिस ने पिंपरी चिंचवाड़ में भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना) और 505 (1) (बी) (सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया है। उन्होंने बताया कि पाटिल के पवनाथडी यात्रा के दौरे के दौरान उन पर स्याही फेंकने की धमकी देने के आरोप में इन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
पाटिल के खिलाफ आपराधिक शिकायत दायर
वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने चंद्रकांत पाटिल के खिलाफ उनकी टिप्पणी को लेकर अदालत में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 153 (ए) (दुश्मनी को बढ़ावा देना), 120 बी (आपराधिक साजिश के लिए सजा), और 504 (जानबूझकर अपमान करना) के तहत शिकायत दर्ज कराई गई।
शिकायत में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा विधायक शिवाजी कदम, मुंबई के पुलिस आयुक्त विवेक फनसालकर और 2 अन्य पुलिस अधिकारियों पर भी आरोप लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि इन लोगों ने पाटिल को बचाने के लिए समान इरादे से काम किया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उन्होंने इस पर कार्रवाई नहीं की। याचिका में दावा किया गया है कि पाटिल ने आंबेडकर और ज्योतिबा फुले के खिलाफ अपमानजनक बयान दिए थे।
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