नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश में सत्ता बदल चुकी है. पूर्व मुख्मंत्री जगन मोहन रेड्डी अब सत्ता से बेदखल हो चुके हैं. और कभी विपक्ष में बैठे तेलुगू देशम पार्टी (TDP) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू सत्ता में आ चुके हैं. सत्ता तो बदली लेकिन प्रतिशोध की राजनीति जारी है. युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) का कार्यालय शनिवार सुबह विजयवाड़ा के ताडेपल्ले जिले में ध्वस्त कर दिया गया. ऑफिस को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर का सहारा लिया गया. YSRCP ने इसे प्रतिशोध की राजनीति करार दिया है.
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए YSRCP ने कहा कि यह ‘प्रतिशोध की राजनीति की शुरुआत’ है. रिपोर्ट के अनुसार, यह इमारत गुंटूर जिले के ताड़ेपल्ली मंडल के सीतानगरम के बोट यार्ड परिसर में आर.एस. संख्या 202-ए-1 में 870.40 वर्ग मीटर की कथित रूप से अवैध रूप से कब्जा की गई भूमि पर थी.
YSRCP के अनुसार, ‘TDP प्रतिशोध की राजनीति कर रही है. YSRCP ने हाईकोर्ट का दरवाया खटखटाया है, इसके बावजूद ऑफिस को गिरा दिया गया. अदालत ने किसी भी विध्वंस गतिविधि को रोकने का आदेश दिया था. यह अभूतपूर्व कार्रवाई, राज्य के इतिहास में किसी पार्टी कार्यालय को ध्वस्त करने की पहली घटना, सुबह 5:30 बजे उत्खनन मशीनों और बुलडोजरों का उपयोग करके शुरू की गई.’
दरअसल 19 नवंबर 2021 को विधानसभा सत्र के दौरान तीखी बहस और YSRCP कांग्रेस के नेताओं द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद चंद्रबाबू नायडू सदन से बाहर चले गए थे. उस समय नायडू ने कसम खाई थी कि जब तक मैं सत्ता में वापस नहीं आ जाता, तब तक मैं सदन से दूर रहूंगा. इस दौरान वह काफी भावुक भी हो गए थे. उन्हें फूट-फूटकर रोते हुए भी देखा गया था.
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