नई दिल्ली। तिरुपति मंदिर में प्रसाद (Prasadam at Tirupati Temple) को लेकर जारी विवाद के बीच आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस.जगनमोहन रेड्डी (Y.S.Jaganmohan Reddy) ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में रेड्डी ने कहा कि (मुख्यमंत्री) चंद्रबाबू नायडू एक आदतन झूठ बोलने वाले ऐसे व्यक्ति हैं, जो इतने नीचे गिर गए हैं कि उन्होंने पूरी तरह से राजनीतिक उद्देश्यों के लिए करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाई है।
पत्र में आगे उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पूरा देश आपकी ओर देख रहा है। नायडू को झूठ फैलाने के लिए के उनके कृत्य के लिए कड़ी फटकार लगाई जाए और सच्चाई सामने लाई जाए। इससे नायडू द्वारा करोड़ों हिंदू श्रद्धालुओं के मन में पैदा किया गया शक दूर हो जाएगा और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की पारदर्शिता में विश्वास बहाल होगा।
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री नायडू टीटीडी की पवित्रता, अखंडता और प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि कथित मिलावटी घी को अस्वीकार कर दिया गया था और टीटीडी के परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी। हालांकि, नायडू ने गलत इरादे से 18 सितंबर को एक राजनीतिक दल की बैठक में इस मुद्दे को उठाया।
कुछ दिन पहले एनडीए की विधायक दल की बैठक में तेदेपा प्रमुख नायडू ने दावा किया था कि पिछली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा और लड्डू बनाने के लिए कम गुणवत्ता वाली सामग्री और जानवरों की चर्बी के वसा इस्तेमाल किया। इसके दो दिन बाद 20 सितंबर को टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे. श्यामला राव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने कहा कि नमूनों के लैब परीक्षण में जानवरों के वसा और चरबी की मौजूदगी का पता चलता है और बोर्ड मिलावटी घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार को काली सूची में डालने की प्रक्रिया में है।
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